घर्षण को कम करने वाले नैनोकॉम्पोज़िट कोटिंग्स | 19 Mar 2020

प्रीलिम्स के लिये:

इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स, नैनोकम्पोज़िट कोटिंग्स

मेन्स के लिये:

घर्षण को कम करने हेतु नैनोकम्पोज़िट कोटिंग्स से संबंधित मुद्दे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में ‘इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स (International Advanced Research Centre for Powder Metallurgy and New Materials-ARCI)’ के वैज्ञानिकों ने उपकरणों में घर्षण को कम करने वाला नैनोकम्पोज़िट कोटिंग विकसित किया है।

नैनोकोम्पोज़िट कोटिंग्स: 

  • गौरतलब है कि यह नव विकसित कोटिंग निकल-टंगस्टन आधारित हैं। 
  • सस्ती और सरल स्पंदित इलेक्ट्रोप्लेटिंग (Electroplating) या इलेक्ट्रोडिपोज़िशन (Electrodeposition) का उपयोग करते हुए सिलिकॉन कार्बाइड (Silicon Carbide-SiC) के अत्यंत छोटे कणों के साथ निकिल टंगस्टन-आधारित कोटिंग के अंतर्भेदन (Impregnation) से यह प्रक्रिया जंग रोधक का कार्य कर सकती है जिसमें घर्षण गुणांक कम होने के साथ-साथ तेल प्रतिधारण क्षमता भी अच्छी होगी। 

विशेषताएँ: 

  • यह कोटिंग लवणता युक्त स्प्रे होने के कारण एक जंग रोधक का कार्य कर सकती है जो बाज़ार में उपलब्ध अन्य जंग प्रतिरोधी कोटिंग्स की तुलना में अच्छा है। 
  • कणों का आकार घर्षण विशेषताओं को तय करने में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है। 
  • नैनोकम्पोज़िट कोटिंग में कणों के आकार की विभिन्नता के कारण स्ट्रेस कंसंट्रेशन (Stress Concentration) से कोटिंग्‍स समय से पहले ही खराब हो जाती है। 
  • निकासिल (NIKASIL) और हार्ड क्रोम (Hard Chrome) की तुलना में नैनोकम्पोज़िट कोटिंग्स बेहतर हैं।
  • ऑटोमोबाइल उद्योग में उपयोग में लाए जाने वाले हार्ड क्रोम की तुलना में नैनोकम्पोज़िट कोटिंग्स का असर धातुओं पर 1000 घंटो तक रहता है।
  • इसके तापमान में वृद्धि कर इसकी क्षमता को दोगुना किया जा सकता है। 

sliding-distancewear-rate

उपयोग:

  • रक्षा क्षेत्र 
  • ऑटोमोबाइल
  • अंतरिक्ष उपकरण

विद्युत-लेपन प्रक्रिया (Electroplating Process):

  • इलेक्ट्रोडिपोज़िशन को इलेक्ट्रोप्लेटिंग भी कहा जाता है, इसमें धातु के हिस्सों को इलेक्ट्रोलाइट (Electrolyte) के घोल में डुबोया जाता है।
  • आसुत जल तथा अन्य योजकों के मिश्रण में निकल (Nickel-Ni) और टंगस्टन (Tungsten-W) के कणों को घोलकर तैयार किया जाता है।
  • इस घोल में DC करंट पास करने से धातु के टुकड़े पर Ni-W जमा हो जाता है अतः धात्विक आयनों की गति और जमाव के कारण कैथोड सतह पर एक परत जम जाती है। 
  • इस प्रक्रिया में कैथोड सतह पर जमी परत की मोटाई के बराबर या उससे कम आकार वाले कणों को ही नैनोक्रिस्टलाइन कोटिंग में शामिल किया जा सकता है।
  • विद्युत प्रवाह की अवधि को बदलकर परत की मोटाई व आकार को नियंत्रित किया जाता है।
  • यह ईंधन सेल, बैटरियों, कटैलिसिस और इस प्रकार के विभिन्न अनुप्रयोगों के प्रबलन के लिये आवश्यक अनेक कंपोजिट कोटिंग्‍स के लिये भी उपयुक्त है।

इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स

(International Advanced Research Centre for Powder Metallurgy and New Materials- ARCI): 

  • वर्ष 1997 में स्थापित इंटरनेशनल एडवांस्ड रिसर्च सेंटर फॉर पाउडर मेटलर्जी एंड न्यू मैटेरियल्स विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (Department of Science and Technology-DST) का एक स्वायत्त अनुसंधान और विकास केंद्र है।
  • इसका मुख्यालय हैदराबाद एवं परिचालन संबंधी कार्य चेन्नई और गुरुग्राम में होते हैं।
  • ARCI का  उद्देश्य:
    • उच्च गुणवता वाले पदार्ठों की खोज। 
    • भारतीय उद्योग में प्रौद्योगिकी का स्थानांतरण करना।

स्रोत: पीआईबी