मसौदा राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2018 | 13 Oct 2018

चर्चा में क्यों?

हाल ही में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2018 (National Electronics Policy or NPE-2018) का मसौदा जारी किया। उल्लेखनीय है कि पहली राष्ट्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स नीति 2012 में जारी की गई थी, इसने देश में विनिर्माण इकाइयों की स्थापना करने वाली कंपनियों को प्रोत्साहन प्रदान किया था।

नीति के लक्ष्य

  • वर्ष 2025 तक इलेक्ट्रॉनिक्स के घरेलू विनिर्माण क्षेत्र में $ 400 बिलियन का कारोबार करने के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में व्यवसाय को सुगम बनाना और इलेक्ट्रॉनिक्स के सभी उप-क्षेत्रों में उद्योग आधारित अनुसंधान और विकास एवं नवाचार को प्रोत्साहित करना। 
  • वर्ष 2025 तक 190 बिलियन डॉलर मूल्य के एक बिलियन मोबाइल हैंडसेट का उत्पादन करना, इसमें 110 बिलियन डॉलर मूल्य के 600 मिलियन मोबाइल हैंडसेट का निर्यात करना भी शामिल है।
  • उभरते प्रौद्योगिकी क्षेत्रों जैसे- 5 जी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग और रक्षा, कृषि, स्वास्थ्य, स्मार्ट सिटीज़ एवं स्वचालन आदि में उनके अनुप्रयोगों को भी बढ़ावा देना।

नीति के प्रमुख प्रावधान

  • मसौदा नीति के मुताबिक, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय देश में इलेक्ट्रॉनिक्स हार्डवेयर विनिर्माण उद्योग के विस्तार को प्रोत्साहन प्रदान करने के लिये संबंधित मंत्रालयों/विभागों के साथ समन्वय स्थापित करेगा।
  • इस मसौदा नीति में किसी नई इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण इकाई की स्थापना या मौजूदा इकाई के विस्तार हेतु प्रस्तावित कुछ उपायों में विश्व व्यापार संगठन के सूचना प्रौद्योगिकी समझौते (Information Technology Agreement-1 or ITA-1) के तहत कवर किये गए इलेक्ट्रॉनिक सामानों के निर्माण और आयकर अधिनियम की धारा 35AD के तहत निवेश संबंधी कटौती सहित उचित प्रत्यक्ष कर लाभों के प्रावधान शामिल हैं। 
  • यह नीति मौज़ूदा इकाइयों के विस्तार और नई इकाइयों की स्थापना के लिये संशोधित विशेष प्रोत्साहन पैकेज योजना (Modified Special Incentive Package Scheme- M-SIPS) को ऐसी योजनाओं के माध्यम से हटाने का प्रावधान करती है जिन्हें लागू करना आसान है, जैसे- सब्सिडी तथा क्रेडिट डिफ़ॉल्ट गारंटी आदि।