प्रिलिम्स फैक्ट्स (26 Dec, 2020)



प्रिलिम्स फैक्ट: 26 दिसंबर, 2020

कामोव-226T: यूटिलिटी हेलीकॉप्टर

(Kamov-226T : Utility Helicopters)

भारतीय सेना जल्द ही रूस से कामोव-226T (Ka-226T) यूटिलिटी हेलीकॉप्टर लेने हेतु छूट प्राप्त करने के लिये रक्षा मंत्रालय से संपर्क करेगी।

  • 2015 में भारत और रूस ने कामोव-226T (Ka-226T) हेलीकॉप्टरों की खरीद के लिये एक अरब डॉलर से अधिक की लागत का अंतर-सरकारी समझौता (IGA) किया था।
  • कामोव-226T भारतीय सेना और वायु सेना के पुराने और अप्रचलित चीता हेलीकॉप्टर और चेतक हेलीकॉप्टर बेड़े का स्थान लेगा।

Utility-Helicopters

प्रमुख बिंदु

कामोव-226T हेलीकॉप्टर 

  • डिज़ाइन: कामोव-226T (Ka-226T) को रूस के प्रसिद्ध कामोव डिज़ाइन ब्यूरो (KDB) द्वारा डिज़ाइन किया गया है।
  • असेंबलिंग: हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और ‘रशियन हेलीकॉप्टर्स’ (RH) ने एक साथ मिलकर ‘भारत-रूस हेलीकॉप्टर लिमिटेड’ (IRHL) नाम से एक संयुक्त उद्यम स्थापित किया है, जो कि भारत में कामोव-226T हेलीकॉप्टरों को असेंबल करेगा।
  • पेलोड क्षमता
    • यह एक हल्का हेलीकॉप्टर है, जो कि अधिकतम 3.5 टन भार के साथ उड़ान भर सकता है और यह 1 टन तक का पेलोड ले जा सकता है।
  • विशेषताएँ 
    • कामोव-226T हेलीकॉप्टर में कोएक्सिअल रोटर्स (Coaxial Rotors) का प्रयोग किया जाता है, अर्थात् इसमें एक-दूसरे के ऊपर रोटर्स के दो सेट लगे होते हैं।
      • कोएक्सिअल रोटर्स, इस हेलीकॉप्टर को अन्य हेलीकॉप्टर्स की तुलना में उड़ान भरने और पेलोड क्षमता में सुधार करने में मदद करता है।
      • यह ऊँचाई वाले क्षेत्रों में विशेष रूप से काफी फायदेमंद होता है, जहाँ कम वायु घनत्व के कारण उड़ान भरने के दौरान विमान की प्रदर्शन क्षमता कम हो जाती है।
    • कामोव-226T हेलीकॉप्टर में एक पारंपरिक केबिन के बजाय एक विशिष्ट वियोज्य 'मिशन' कम्पार्टमेंट भी होता है।
      • यह विशेषता इस हेलीकॉप्टर को अन्य कार्यों जैसे- निगरानी और कार्गो डिलीवरी आदि के लिये भी अनुकूल बनाती है।

हेलीकॉप्टर के पुराने बेड़ों से संबंधित समस्याएँ

  • सेना में चीता हेलीकॉप्टरों और चेतक हेलीकॉप्टरों का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा 30 वर्ष से भी अधिक पुराना है। उनमें से कुछ लगभग 50 साल पुराने भी हैं और उन्हें तत्काल बदले जाने की आवश्यकता है।
    • इसके कारण कई बार सेना की परिचालन क्षमता प्रभावित होती है।

सेना में आवश्यकता: सेना में लगभग 400 ऐसे हेलीकॉप्टरों की आवश्यकता है।


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 26 दिसंबर, 2020

सभी वाहनों के लिये फास्ट टैग आवश्यक

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 1 जनवरी, 2021 से देश में सभी वाहनों के लिये फास्ट टैग (FASTag) अनिवार्य बनाने की घोषणा की है। फास्ट टैग को वर्ष 2016 में लॉन्च किया गया था और उस समय चार बैंकों ने मिलकर एक लाख से अधिक फास्ट टैग जारी किये थे। वर्ष 2017 तक इनकी संख्या बढ़कर सात लाख और वर्ष 2018 तक 34 लाख तक पहुँच गई थी। फास्ट टैग एक इलेक्ट्रॉनिक टोल संग्रह प्रणाली है, जिसका संचालन भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHA) द्वारा किया जाता है। रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक पर आधारित इस कार्ड को वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। प्रत्येक टोल प्लाज़ा पर एक RFID रीडर लगा होता है, जो एक सेंसर के रूप में कार्य करता है और रेडियो फ्रीक्वेंसी द्वारा कार्ड की वैधता एवं धनराशि की जाँच करता है। यदि कार्ड में धनराशि उपलब्ध होती है तो टोल शुल्क का भुगतान स्वतः ही कार्ड से हो जाता है और वाहन बिना टोल पर रुके वहाँ से गुज़र जाता है। फास्ट टैग की सुविधा वाहन यात्रियों के लिये काफी लाभदायक होती है, क्योंकि उन्हें प्रत्येक टोल प्लाज़ा पर रुकना नहीं पड़ता, जिससे ईंधन और समय दोनों की बचत होती है। 

सुशासन दिवस

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में प्रतिवर्ष 25 दिसंबर को सुशासन दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य भारतीय नागरिकों खासतौर पर छात्रों, जो कि देश का भविष्य हैं, को सरकार के उत्तरदायित्वों और कर्तव्यों के बारे में जानने का अवसर प्रदान करना है। 23 दिसंबर, 2014 को अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय (मरणोपरांत) को भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। सुशासन दिवस सभी सरकारों के लिये एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि सुशासन पूर्णतः निष्पक्ष, पारदर्शी और विकासोन्मुखी होना चाहिये। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर, 1924 को ग्वालियर में हुआ था। वाजपेयी जी ने अपना राजनीतिक जीवन स्वतंत्रता सेनानी के रूप में शुरू किया था। चुनावी राजनीति में उनकी यात्रा वर्ष 1957 में शुरू हुई, जब उन्होंने तीन सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ा और उत्तर प्रदेश के बलरामपुर निर्वाचन क्षेत्र से चुने गए। वाजपेयी जी तकरीबन पाँच दशक तक संसद सदस्य रहे और इस दौरान दस बार लोकसभा के लिये और दो बार राज्यसभा के लिये चुने गए। वे प्रधानमंत्री के पद पर पाँच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-काॅन्ग्रेसी भारतीय नेता थे।

विनीत अग्रवाल

देश की प्रमुख लॉजिस्टिक्स कंपनी ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (TCIL) के प्रबंध निदेशक (MD) विनीत अग्रवाल ने भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग मंडल यानी एसोचैम (ASSOCHAM) के नए अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला लिया है। उन्होंने इस पद पर हीरानंदानी समूह के सह-संस्थापक और प्रबंध निदेशक डॉ. निरंजन हीरानंदानी का स्थान लिया है। विनीत अग्रवाल ने अमेरिका के कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय से स्नातक किया है। इसके अलावा वे अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (AIMA) में ‘यंग लीडर काउंसिल’ के संस्थापक अध्यक्ष भी हैं। उन्हें भारतीय सामग्री प्रबंधन संस्थान द्वारा वर्ष 2018 में ‘सीईओ ऑफ द ईयर’ से भी नवाज़ा गया था। एसोचैम भारत के सबसे बड़े व्यापार संघों में से एक है, जिसकी स्थापना वर्ष 1920 में भारतीय उद्योग के मूल्य सृजन हेतु की गई थी। इस व्यापारिक संघ ने देश के व्यापार, वाणिज्य और औद्योगिक वातावरण को आकार देने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की है। 

कोयला आयात निगरानी प्रणाली 

केंद्र सरकार 1 फरवरी, 2021 से एक कोयला आयात निगरानी प्रणाली (CIMS) लागू करेगी, जिसके तहत कोयला आयातकों के लिये एक ऑनलाइन प्रणाली के माध्यम से अग्रिम सूचना प्रस्तुत करने और एक स्वचालित पंजीकरण संख्या प्राप्त करना अनिवार्य बना दिया जाएगा। कोयला आयात निगरानी प्रणाली (CIMS) से संबंधित नए नियम एंथ्रासाइट कोयले, बिटुमिनस कोयले, कोकिंग कोल और स्टीम कोयले पर लागू होंगे। यह प्रणाली केंद्र सरकार को आयात किये जा रहे कोयले की विभिन्न श्रेणियों पर नज़र रखने और तद्नुसार नीतिगत निर्णय लेने में सहायता करेगी। इसके तहत जारी स्वचालित पंजीकरण संख्या 75 दिनों की अवधि के लिये वैध रहेगी। ज्ञात हो कि इससे पूर्व सरकार ने घरेलू विनिर्माण को प्रोत्साहित करने और आयात पर नज़र रखने के उद्देश्य कई इस्पात वस्तुओं के लिये एक आयात निगरानी प्रणाली प्रस्तुत की थी।