प्रिलिम्स फैक्ट्स (24 Nov, 2021)



वीरता पुरस्कार

हाल ही में ग्रुप कैप्टन ‘अभिनंदन वर्थमान’ को भारत के राष्ट्रपति द्वारा ‘वीर चक्र’ से सम्मानित किया गया, जो कि एक युद्धकालीन वीरता पुरस्कार है।

  • ‘वीरता पुरस्कारों’ की घोषणा वर्ष में दो बार की जाती है- गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर।

Awards

प्रमुख बिंदु

  • भारत में वीरता पुरस्कार (इतिहास):
    • स्वतंत्रता के बाद भारत सरकार द्वारा 26 जनवरी, 1950 को प्रारंभिक तीन वीरता पुरस्कार- परम वीर चक्र, महावीर चक्र और वीर चक्र स्थापित किये गए थे, जिन्हें 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया।
    • इसके बाद वर्ष 1952 में अन्य तीन वीरता पुरस्कार- ‘अशोक चक्र वर्ग-I’, ‘अशोक चक्र वर्ग-II’ और ‘अशोक चक्र वर्ग-III’ स्थापित किये गए, जिन्हें 15 अगस्त, 1947 से प्रभावी माना गया।
    • जनवरी 1967 में इन पुरस्कारों का नाम बदलकर क्रमशः अशोक चक्र, कीर्ति चक्र और शौर्य चक्र कर दिया गया।
  • पुरस्कार के लिये पात्र लोग:
    • थल सेना, नौसेना और वायु सेना या किसी भी आरक्षित बल, प्रादेशिक सेना तथा किसी अन्य कानूनी रूप से गठित सशस्त्र बलों के सभी रैंकों के सभी अधिकारी इन पुरस्कारों के लिये पात्र हैं।
    • उपर्युक्त कर्मियों के अतिरिक्त मैट्रॉन, नर्स, नर्सिंग सेवाओं के कर्मचारी और अस्पतालों एवं नर्सिंग सेवाओं से संबद्ध कर्मचारी, नियमित या अस्थायी भी इसके लिये पात्र हैं।
  • सर्वोच्च युद्धकालीन वीरता पुरस्कार:
    • परम वीर चक्र:
      • यह भारत का सर्वोच्च सैन्य अलंकरण है, जो युद्ध (चाहे वह जमीन पर हो, समुद्र में या हवा में) के दौरान वीरता के विशिष्ट कार्यों को प्रदर्शित करने के लिये दिया जाता है।
    • महावीर चक्र:
      • यह ज़मीन पर, समुद्र में या हवा में दुश्मन की उपस्थिति में विशिष्ट वीरता के कार्यों के लिये दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है।
    • वीर चक्र:
      • यह परमवीर चक्र और महावीर चक्र के बाद देश का तीसरा सबसे बड़ा युद्धकालीन वीरता पुरस्कार है।
  • सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार:
    • अशोक चक्र:
      • यह शांतिकाल के दौरान वीरता, साहसिक कार्रवाई या बलिदान के लिये सर्वोच्च सैन्य पुरस्कार है।
      • यह शांतिकाल में विशिष्ट बहादुरी या किसी अन्य साहस या वीरता या आत्म-बलिदान से संबंधित कार्य करने के लिये प्रदान किया जाता है।
    • कीर्ति चक्र:
      • यह दूसरा सर्वोच्च शांतिकालीन वीरता पुरस्कार है और शांति काल में साहसिक कार्रवाई करने या आत्म-बलिदान के लिये दिया जाता है।
    • शौर्य चक्र:
      • यह असाधारण वीरता के लिये सशस्त्र बलों के कर्मियों को प्रदान किया जाता है।
  • अन्य पुरस्कार:
    • सेना पदक:
      • यह थलसेना में कर्तव्य के प्रति असाधारण समर्पण या साहस के कार्यों के लिये दिया जाता है।
    • नौसेना पदक:
      • यह नौसेना में कर्तव्य या साहस के प्रति असाधारण समर्पण के व्यक्तिगत कृत्यों के लिये दिया जाता है।
    • वायुसेना पदक:
      • यह वायुसेना में कर्तव्य के प्रति असाधारण समर्पण या साहस के व्यक्तिगत कृत्यों के लिये प्रदान किया जाता है।

भारत गौरव योजना

हाल ही में भारतीय रेलवे ने व्यापक पर्यटन संभावनाओं के दोहन के लिये नई योजना 'भारत गौरव' की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु

  • परिचय:
    • योजना के तहत अब ट्रेनों में पर्यटन के लिये तीसरा अनुभाग होगा। अब तक रेलवे के पास यात्री अनुभाग और माल अनुभाग थे।
      • ये नियमित ट्रेनें नहीं हैं जो एक समय सारिणी के अनुसार चलेंगी बल्कि आईआरसीटीसी (IRCTC) द्वारा चलाई जा रही रामायण एक्सप्रेस की तर्ज पर संचालित की जाएंगी।
    • थीम आधारित टूरिस्ट सर्किट ट्रेनों के तहत इसकी घोषणा की गई। इन ट्रेनों को थीम आधारित सर्किट में निजी भागीदारों और आईआरसीटीसी दोनों द्वारा चलाया जाएगा।
      • थीम आधारित पर्यटन (सर्किट) से रेलवे का आशय गुरु कृपा जैसी उन ट्रेनों से है जिनका संचालन गुरु नानक से संबंधित सभी स्थानों पर किया जाता है या रामायण थीम वाली ट्रेनें भगवान राम से संबंधित स्थानों के लिये संचालित हैं।
    • सोसाइटी, ट्रस्ट, कंसोर्टिया और यहाँ तक कि राज्य सरकारों से इन ट्रेनों को लेने के लिये कोई भी आवेदन कर सकता है और उन्हें थीम आधारित विशेष पर्यटन सर्किट पर संचालित किया जा सकता है।
      • सेवा प्रदाता पर्यटकों को रेल यात्रा, होटल/विश्राम स्थल, दर्शनीय स्थलों की व्यवस्था, ऐतिहासिक/विरासत स्थलों का भ्रमण, टूर गाइड आदि सहित सभी समावेशी पैकेज प्रदान करेगा।
  • योजना के लाभ:
    • ये ट्रेनें भारत और दुनिया के लोगों को भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासतभव्य ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन कराने के विज़न को साकार करने में सहायता करेंगी। इससे भारत की व्यापक पर्यटन संभावनाओं के दोहन में भी मदद मिलेगी।
  • अन्य संबंधित योजनाएँ:

भारत में पर्यटन:

  • भारत में पर्यटन देश की अर्थव्यवस्था के लिये महत्त्वपूर्ण है और यह तेज़ी से बढ़ रहा है। 
  • वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज़्म काउंसिल के अनुसार, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में यात्रा और पर्यटन उद्योग का योगदान 2020 में 121.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और इसके वर्ष 2028 तक 512 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक होने का अनुमान लगाया गया है।
  • भारत के सकल घरेलू उत्पाद में उद्योग क्षेत्र का प्रत्यक्ष योगदान वर्ष 2019 और 2028 के बीच 10.35% की वार्षिक दर से बढ़ने का अनुमान है।
  • इसके अलावा यात्रा और पर्यटन प्रतिस्पर्द्धात्मकता रिपोर्ट 2019 के अनुसार भारत को समग्र रूप से 140 देशों में से 34वाँ स्थान प्राप्त हुआ, जो इस क्षेत्र में सुधार के लिये भारत के प्रयासों को दर्शाता है।

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 24 नवंबर, 2021

वर्चुअल विज्ञान प्रयोगशाला

देश भर के वैज्ञानिकों को छात्रों के साथ जोड़ने वाले 'सीएसआईआर जिज्ञासा' कार्यक्रम के तहत बच्चों के लिये भारत की पहली वर्चुअल विज्ञान प्रयोगशाला शुरू की गई है। यह वर्चुअल प्रयोगशाला एक नई शुरुआत है, जो कि देश की ‘नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति’ के अनुरूप है और देश के प्रत्येक हिस्से में छात्रों को विज्ञान के अभिनव प्रयोग करने में मदद करेगी। इस नई सुविधा से केंद्रीय विद्यालयों, नवोदय विद्यालयों और सरकारी स्कूलों के छात्रों को काफी फायदा होगा। ‘वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद’ (CSIR) द्वारा इस प्लेटफॉर्म को 'सीएसआईआर जिज्ञासा' कार्यक्रम के तहत ‘आईआईटी बॉम्बे’ के साथ संयुक्त तौर पर विकसित किया गया है, जो स्कूली छात्रों को प्रयोगशाला अनुसंधान के साथ कक्षा में सीखने की सुविधा प्रदान करता है। इस वर्चुअल लैब का मुख्य उद्देश्य स्कूली छात्रों को वैज्ञानिक प्रयोगों, शिक्षाशास्त्र आधारित सामग्री, वीडियो, चैट फोरम, एनिमेशन, गेमिंग, क्विज़ के साथ एक ऑनलाइन इंटरेक्टिव माध्यम से गुणवत्तापूर्ण शोध करने में मदद करना है। प्रारंभ में यह सामग्री केवल अंग्रेज़ी में उपलब्ध होगी, लेकिन जल्द ही इसे हिंदी एवं अन्य क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा। यह वर्चुअल प्लेटफॉर्म सीएसआईआर प्रयोगशालाओं का एक आभासी दौरा प्रदान करेगी और छात्रों को अनुसंधान के बुनियादी ढाँचे के बारे में बताएगी, जो अन्यथा सुरक्षा मानकों को देखते हुए अपेक्षाकृत कठिन होगा।

‘मेन-सीक्वेंस रेडियो पल्स एमिटर’ तारे

खगोलविदों के एक समूह ने पुणे के पास स्थित ‘जाइंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप’ (GMRT) का उपयोग करके 'MRPs' या मेन-सीक्वेंस रेडियो पल्स एमिटर नामक एक दुर्लभ वर्ग के आठ सितारों की खोज की है। 'मेन-सीक्वेंस रेडियो पल्स एमिटर’ असामान्य रूप से मज़बूत चुंबकीय क्षेत्रों और बहुत तीव्र तारकीय हवा के साथ सूर्य की तुलना में अधिक गर्म तारे हैं। वे प्रकाशस्तंभ की तरह चमकीले रेडियो स्पंदनों का उत्सर्जन करते हैं। ‘जाइंट मीटरवेव रेडियो टेलीस्कोप’ एक रेडियो टेलीस्कोप है, जो पुणे से 80 किमी. दूर ‘खोदद’ में स्थित है। इसमें 30 एंटेना होते हैं, जिनमें से प्रत्येक 45 मीटर व्यास का होता है और यह ‘टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च’ द्वारा संचालित है। टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (NCRA-TIFR) का नेशनल सेंटर फॉर रेडियो एस्ट्रोफिजिक्स भारत में रेडियो खगोल विज्ञान का प्रमुख संस्थान है। 

गाओफेन-11(03)

चीन ने हाल ही में ‘लॉन्ग मार्च 4बी’ रॉकेट से अपना तीसरा ‘गाओफेन-11(03)’ रिकोनिसेंस उपग्रह लॉन्च किया है। गाओफेन-11(03) में ऑप्टिकल रिज़ॉल्यूशन के साथ विशिष्ट उपग्रह शामिल हैं, जिन्हें शीर्ष अमेरिकी जासूसी उपग्रहों के समान माना जा सकता है। यह वर्ष 2021 में चीन का 44वाँ लॉन्च था। गाओफेन-11(03) उच्च-रिज़ॉल्यूशन ऑप्टिकल इमेजिंग ‘गाओफेन-11’ उपग्रहों की शृंखला में तीसरा है। गाओफेन-11 शृंखला में पहला उपग्रह जुलाई 2016 में लॉन्च किया गया था और उसके बाद दूसरा उपग्रह सितंबर 2020 में लॉन्च किया गया। गाओफेन-11(03) उपग्रह सन-सिंक्रोनस ऑर्बिट में काम करेगा। इसका उपयोग मुख्य रूप से भूमि सर्वेक्षण, भूमि अधिकारों की पुष्टि, सड़क नेटवर्क डिज़ाइन, शहर नियोजन, फसल उपज अनुमान और आपदा रोकथाम एवं शमन के लिये किया जाएगा। 

बालेश्वर/बालासोर: सर्वश्रेष्ठ समुद्री ज़िला

हाल ही में ‘विश्व मत्स्य दिवस’ के अवसर पर बालेश्वर/बालासोर (ओडिशा) को देश का ‘सर्वश्रेष्ठ समुद्री ज़िला पुरस्कार’ दिया गया। आंध्र प्रदेश को सर्वश्रेष्ठ समुद्री राज्य का पुरस्कार दिया गया, जबकि बीते वर्ष यह पुरस्कार ओडिशा को दिया गया था। सर्वश्रेष्ठ अंतर्देशीय/इनलैंड राज्य का पुरस्कार तेलंगाना को दिया गया, जबकि मध्य प्रदेश के बालाघाट को सर्वश्रेष्ठ अंतर्देशीय/इनलैंड ज़िला घोषित किया गया। वहीं सर्वश्रेष्ठ पहाड़ी राज्य, पूर्वोत्तर राज्य और ज़िला पुरस्कार क्रमशः त्रिपुरा, असम और बोंगाईगाँव ने जीते। ध्यातव्य है कि सरकार ने वर्ष 2024-25 तक मत्स्य पालन क्षेत्र से एक लाख करोड़ का निर्यात लक्ष्य निर्धारित किया है, जिसे प्राप्त करने हेतु सरकार द्वारा तमाम प्रयास किये जा रहे हैं, जिसमें विभिन्न राज्यों और ज़िलों के प्रयासों को मान्यता देना भी शामिल है। ये पुरस्कार केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन मंत्रालय द्वारा प्रदान किये जाते हैं।