प्रिलिम्स फैक्ट्स (19 Mar, 2021)



प्रिलिम्स फैक्ट : 19 मार्च, 2021

पीलीभीत टाइगर रिज़र्व: उत्तर प्रदेश

(Pilibhit Tiger Reserve: Uttar Pradesh)

पीलीभीत टाइगर रिज़र्व (उत्तर प्रदेश) में एक पाँच वर्षीय बाघिन का शव प्राप्त हुआ है।

प्रमुख बिंदु

परिचय

  • पीलीभीत टाइगर रिज़र्व, उत्तर प्रदेश के पीलीभीत और शाहजहाँपुर ज़िलों के बीच  अवस्थित है।
  • इसे वर्ष 2014-15 में एक टाइगर रिज़र्व के रूप में मान्यता दी गई थी।
    • वर्ष 2020 में इसने बीते चार वर्षों (2014-18) में बाघों की संख्या को दोगुना करने के लिये TX2 अवार्ड भी जीता।
  • यह ऊपरी गंगा के मैदान में ‘तराई आर्क लैंडस्केप’ के हिस्से का निर्माण करता है।
  • रिज़र्व का उत्तरी छोर भारत-नेपाल सीमा के पास स्थित है, जबकि दक्षिणी सीमा शारदा और खकरा नदी तक विस्तृत है।

वनस्पति और प्राणीजगत

  • यहाँ 127 से अधिक जंगली जानवर, 326 पक्षी प्रजातियाँ और 2,100 फूल एवं पौधों की अलग-अलग प्रजतियाँ पाई जाती हैं। 
  • जंगली जानवरों में बाघ, हिरण और तेंदुआ आदि शामिल हैं।
  • इसमें कई जल निकायों के साथ जंगल और घास के मैदान भी शामिल हैं।

उत्तर प्रदेश के अन्य संरक्षित क्षेत्र 

  • दुधवा नेशनल पार्क
  • चंबल वन्यजीव अभयारण्य
  • चंद्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य 
  • हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य

तराई आर्क लैंडस्केप

  • तराई आर्क लैंडस्केप (TAL) पश्चिम में यमुना नदी और पूर्व में बागमती नदी के बीच 810 किमी. लंबा खंड है। 
    • भागमती नदी दक्षिण-मध्य नेपाल और उत्तरी बिहार में प्रवाहित होती है।
  • इसमें शिवालिक पहाड़ियाँ, निकटवर्ती भाभर क्षेत्र और तराई मैदानों शामिल हैं।
    • भाभर 8 से 10 किलोमीटर चौड़ाई की पतली पट्टी है जो शिवालिक गिरिपाद के समानांतर फैली हुई है। हिमालय पर्वत श्रेणियों से निकलने वाली नदियाँ यहाँ पर भारी जल-भार जैसे- बड़े शैल और गोलाश्म जमा कर देती हैं और कभी-कभी स्वयं इसी में लुप्त हो जाती हैं। ये लुप्त नदियाँ भाभर के दक्षिण में स्थित तराई क्षेत्र में पुनः प्रकट होती हैं।
  • यह उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और नेपाल की निचली पहाड़ियों तक विस्तृत है।
  • इसमें भारत के कुछ सबसे प्रसिद्ध टाइगर रिज़र्व और संरक्षित क्षेत्र जैसे कि कॉर्बेट टाइगर रिज़र्व (उत्तराखंड), राजाजी नेशनल पार्क (उत्तराखंड), दुधवा टाइगर रिज़र्व (उत्तर प्रदेश), वाल्मीकि टाइगर रिज़र्व (बिहार) शामिल हैं। 
  • कुल मिलाकर इसमें 13 संरक्षित क्षेत्र हैं, जिसमें से 9 संरक्षित क्षेत्र भारत में और 4 संरक्षित क्षेत्र नेपाल में हैं। यह पूर्णतः 49,500 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है, जिसमें से 30,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र भारत में स्थित है।

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 19 मार्च, 2021

भारत-कुवैत संयुक्त आयोग

भारत और कुवैत ने हाल ही में ऊर्जा एवं रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपने संबंधों को और अधिक मज़बूत करने तथा भविष्य में सहयोग बढ़ाने के लिये रुपरेखा तैयार करने हेतु संयुक्त आयोग के गठन की घोषणा की है। इस संयुक्त आयोग की सह-अध्यक्षता दोनों देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा की जाएगी। भारत, कुवैत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है और वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान दोनों देशों के बीच कुल 10.86 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था।  मुख्य रूप से भारत का तेल आयात इस अवधि में 9.6 बिलियन डॉलर का था। कुवैत वर्ष 2019-20 के दौरान भारत का 10वाँ सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्त्ता था और भारत की कुल ऊर्जा ज़रूरतों का 3.8 प्रतिशत हिस्सा कुवैत पूरा करता था। कुवैत लगभग 9,00,000 भारतीय प्रवासियों का घर भी है। यह संयुक्त आयोग सभी द्विपक्षीय संस्थागत सहभागिताओं जैसे- विदेशी कार्यालय परामर्श और संयुक्त कार्य समूहों आदि के लिये एक अम्ब्रेला इंस्टीट्यूशन के रूप में कार्य करेगा। यह संयुक्त आयोग ऊर्जा, व्यापार, निवेश, कौशल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आईटी, स्वास्थ्य एवं शिक्षा आदि क्षेत्रों में संबंधों को मज़बूत करने का कार्य करेगा। इसके अलावा यह संयुक्त आयोग दोनों देशों के मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों की भी समीक्षा करेगा और उनके कार्यान्वयन में मौजूद बाधाओं की पहचान कर समाधान खोजेगा। 

‘सही दिशा’ अभियान

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने ग्रामीण भारत में महिलाओं की आजीविका और उद्यमिता से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिये 'सही दिशा' अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान उन मुद्दों और बाधाओं को रेखांकित करता है, जो ग्रामीण भारत में महिलाओं के रोज़गार एवं आजीविका तक पहुँचने के अवसरों को प्रभावित करते हैं और बाधा उत्पन्न करते हैं। इसके तहत ऐसे उद्यम स्थापित करने पर ज़ोर दिया जाएगा, जो महिलाओं को अधिक आत्मनिर्भर बनने में मदद कर सकें। ‘सही दिशा’ अभियान संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ‘IKEA फाउंडेशन’ के बीच पाँच साल का सहयोग है और देश के पाँच राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों यथा- दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में कौशल एवं परामर्श सेवाओं के माध्यम से तकरीबन दस लाख महिलाओं को रोज़गार और आजीविका के अवसरों तक पहुँच प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। UNDP संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक विकास का एक नेटवर्क है। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है UNDP गरीबी उन्मूलन, असमानता को कम करने हेतु लगभग 70 देशों में कार्य करता है।

अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन

हाल ही में इटली, संशोधित आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर कर अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) का हिस्सा बन गया है। ज्ञात हो कि आईएसए के फ्रेमवर्क समझौते में किये गए हालिया संशोधन के लागू होने के बाद अब संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं। ISA भारत के प्रधानमंत्री और फ्राँस के राष्ट्रपति द्वारा 30 नवंबर, 2015 को फ्राँस की राजधानी पेरिस में आयोजित कोप-21 (COP21) के दौरान शुरू की गई पहल है। ISA का उद्देश्य सदस्य देशों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये प्रमुख चुनौतियों का साथ मिलकर समाधान निकालना है। ISA को वर्ष 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने और जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करने वाला एक प्रमुख संगठन माना जाता है। इसका मुख्यालय गुरुग्राम (हरियाणा) में स्थित है। सौर ऊर्जा की वैश्विक मांग को समेकित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, सौर क्षमता से समृद्ध देशों को एक साथ लाता है। 

डिजिटल ग्रीन सर्टिफिकेट

हाल ही में यूरोपीय आयोग ने कोरोना वायरस महामारी के बीच यूरोपीय संघ (EU) के भीतर नागरिकों के सुरक्षित एवं मुक्त आवागमन के लिये एक डिजिटल ग्रीन सर्टिफिकेट का प्रस्ताव रखा है। डिजिटल ग्रीन सर्टिफिकेट इस तथ्य का प्रमाण होगा कि व्यक्ति को या तो कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई जा चुकी है, या उसकी परीक्षण रिपोर्ट नकारात्मक है या वह कोरोना वायरस से रिकवरी कर चुका है। इस सर्टिफिकेट की मुख्य विशेषता यह है कि यह सर्टिफिकेट पूर्णतः डिजिटल रूप में होगा और इसे निःशुल्क प्राप्त किया जा सकेगा। यह सर्टिफिकेट अस्पतालों, परीक्षण केंद्रों और स्वास्थ्य अधिकारियों समेत सभी सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी किया जा सकेगा। यूरोपीय संघ के सभी नागरिक और किसी अन्य देश के नागरिक जो कानूनी रूप से यूरोपीय संघ में रह रहे हैं, इस डिजिटल सर्टिफिकेट का उपयोग करने में सक्षम होंगे तथा उन्हें स्वतंत्र आवागमन से संबंधित प्रतिबंधों में छूट मिल सकेगी।