प्रिलिम्स फैक्ट्स (15 Dec, 2021)



पिनाका एक्सटेंडेड रेंज सिस्टम

हाल ही में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (Defence Research and Development Organization-DRDO) द्वारा पिनाका एक्सटेंडेड रेंज (Pinaka Extended Range- Pinaka-ER) मल्टीपल लॉन्च रॉकेट सिस्टम (Multiple Launch Rocket System- MLRS) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।

प्रमुख बिंदु

  • पिनाका एक्सटेंडेड रेंज सिस्टम के बारे में:
    • पिनाका, एक मल्टी-बैरल रॉकेट-लॉन्चर (MBRL) प्रणाली है जिसका नाम शिव के धनुष के नाम पर रखा गया है, जो 44 सेकंड की अवधि में 12 रॉकेटों का एक सैल्वो फायर (Salvo Fire) करने में सक्षम है।
    • नया संस्करण अपने पूर्व संस्करण की तुलना में अधिक शक्तिशाली एवं उन्नत तकनीक से युक्त है तथा वज़न में अपने पिछले संस्करण की तुलना में हल्का है।
    • एक्सटेंडेड रेंज सिस्टम का नया परीक्षण 45 किमी तक की रेंज़/सीमा हासिल कर सकता है जो भारतीय सेना के लिये एक बड़ी उपलब्धि है।
      • सेना में में सेवारत मौजूदा पिनाका प्रणाली की रेंज 35-37 किमी. तक है।
  • महत्त्व:
    • पिनाका का नया संस्करण एक स्वदेशी भारतीय हथियार प्रणाली के साथ विकसित होने वाली विकास प्रक्रिया के कुछ उदाहरणों में से एक है।

पिनाका: पृष्ठभूमि और संस्करण

  • पृष्ठभूमि
    • ‘पिनाका’ मल्टी-बैरल रॉकेट सिस्टम का विकास ‘रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन’ (DRDO) द्वारा 1980 के दशक के अंत में शुरू किया गया था। इसे रूस के ‘मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर’ सिस्टम (जिसे 'ग्रैड' भी कहा जाता है) के विकल्प के रूप में विकसित किया गया था।
    • वर्ष 1990 के अंत में पिनाका मार्क-1 के सफल परीक्षणों के बाद, वर्ष 1999 के कारगिल युद्ध के दौरान पहली बार युद्ध के मैदान में इसका सफलतापूर्वक उपयोग किया गया था। इसके बाद 2000 के दशक में सिस्टम के कई रेजिमेंट्स आए।
  • संस्करण
    • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने पिनाका के Mk-II और गाइडेड वेरिएंट का भी विकास और सफलतापूर्वक परीक्षण किया है, जिसकी रेंज लगभग 60 किलोमीटर है, जबकि गाइडेड पिनाका सिस्टम की रेंज 75 किलोमीटर है और इसमें एकीकृत नेविगेशन, नियंत्रण तथा मार्गदर्शन प्रणाली भी मौजूद है।
    • वर्ष 2020 में ओडिशा के तट से दूर चाँदीपुर में एकीकृत परीक्षण रेंज से पिनाका मार्क (एमके)-1 मिसाइल के एक उन्नत संस्करण का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया था।

स्रोत: द हिंदू


Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 15 दिसंबर, 2021

सरदार वल्ल‍भभाई पटेल

15 दिसंबर, 2021 को देश भर में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 71वीं पुण्यतिथि मनाई गई। सरदार पटेल का जन्म 31 अक्तूबर, 1875 को गुजरात में हुआ था। उन्होंने लंदन जाकर कानून की शिक्षा प्राप्त की और वापस आकर भारत में वकालत करने लगे। वर्ष 1917 में वे महात्मा गांधी से मिले और गांधी से प्रेरित होकर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल हो गए। वर्ष 1920 में सरदार पटेल गुजरात प्रदेश काॅन्ग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने और उन्होंने शराबबंदी, छुआछूत एवं जातिगत भेदभाव आदि के विरुद्ध दृढ़ता से कार्य किया। वल्लभ भाई पटेल ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के दौरान वर्ष 1928 में गुजरात में एक प्रमुख किसान आंदोलन का नेतृत्त्व किया, जिसकी सफलता के बाद उन्हें ‘सरदार’ की उपाधि प्रदान की गई थी। स्वतंत्रता प्राप्ति के समय सरदार पटेल को तत्कालीन 562 रियासतों को स्वतंत्र भारत में शामिल करने का महत्त्वपूर्ण कार्य सौंपा गया था, जिसे उन्होंने बखूबी पूरा किया, जिसके कारण उन्हें 'भारत का लौह पुरुष' भी कहा जाता है। 15 दिसंबर, 1950 को बॉम्बे में उनका निधन हो गया। उन्हें वर्ष 1991 में मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया गया। सरदार वल्लभभाई पटेल के नाम से गुजरात में ‘स्टेच्यू ऑफ यूनिटी’ स्मारक बनाया गया है।

पर्सन ऑफ द ईयर- एलन मस्क

हाल ही में टाइम पत्रिका ने ‘टेस्ला’ और ‘स्पेस-एक्स’ के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ‘एलन मस्क’ को ‘पर्सन ऑफ द ईयर’ के रूप में नामित किया है। ‘एलन मस्क’ की सफलता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि इसी वर्ष अप्रैल माह में नासा ने उनकी रॉकेट कंपनी ‘स्पेस-एक्स’ को वर्ष 1972 के बाद पहली बार संयुक्त राज्य के अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर पहुँचाने के लिये एक विशेष अनुबंध दिया था। यद्यपि इलेक्ट्रिक वाहनों में इस वर्ष की पहली छमाही में अमेरिका में परिचालन में सभी वाहनों का सिर्फ 0.43 प्रतिशत शामिल था, किंतु ‘टेस्ला’ कंपनी की इस बाज़ार में लगभग दो-तिहाई हिस्सेदारी है। दक्षिण अफ्रीका के ‘प्रिटोरिया’ में जन्मे एलन मस्क पीएचडी उम्मीदवार के रूप में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में शामिल होने के लिये अमेरिका गए, लेकिन जल्द ही उन्होंने पीएचडी छोड़ दी। उन्होंने इंटरनेट मैपिंग सेवा ‘ज़िप2’ और ई-पेमेंट कंपनी ‘पे-पाल’ की स्थापना की, जिसे बाद में ‘कॉम्पैक’ और ‘ईबे’ को बेच दिया गया। पर्सन ऑफ द ईयर संयुक्त राज्य अमेरिका की समाचार पत्रिका और वेबसाइट ‘टाइम’ का एक वार्षिक अंक है जिसमें एक व्यक्ति, एक समूह, एक विचार, या एक वस्तु को नामित किया जाता है, जो एक पूरे वर्ष के दौरान सबसे अधिक सुर्खियों में रहता है।

अजय सिंह

अजय सिंह ने पुरुषों के 81 किलोग्राम वर्ग को जीतकर, ‘राष्ट्रमंडल भारोत्तोलन चैंपियनशिप’ का भारत का तीसरा स्वर्ण पदक जीत लिया है। इसी के साथ वह ‘बर्मिंघम’ में आगामी वर्ष आयोजित होने वाले राष्ट्रमंडल खेलों के लिये सीधे क्वालीफाई करने वाले तीसरे भारतीय भारोत्तोलक बन गए। ‘जेरेमी लालरिननुंगा’ (67 किलोग्राम) और ‘अचिंता शुली’ (73 किलोग्राम) ने अपनी-अपनी प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक जीतकर वर्ष 2022 राष्ट्रमंडल खेलों के लिये पहले ही क्वालीफाई कर लिया है।