प्रिलिम्स फैक्ट्स (13 Apr, 2019)



प्रीलिम्स फैक्ट्स: 13 अप्रैल, 2019

वर्चुअल रियलिटी सेंटर

हाल ही में नौसेना डिज़ाइन निदेशालय (समतल जहाज़ समूह), नई दिल्ली में पहला उत्कृष्ट वर्चुअल रियलिटी सेंटर (Virtual Reality Centre) का उद्घाटन किया गया है।

  • भारत सरकार की पहल ‘मेक इन इंडिया’ के तहत युद्धपोत के निर्माण में यह आत्मनिर्भरता और उत्साह को बढ़ाते हुए भारतीय नौसेना की देशी युद्धपोत डिज़ाइन क्षमता में वृद्धि करेगा।
  • नौसेना डिज़ाइन निदेशालय ने अथक प्रयासों, दूरदृष्टि के साथ इस परियोजना की अवधारणा तैयार करने के बाद इसका क्रियान्वयन किया है।
  • इस परियोजना से डिज़ाइनरों और उपभोक्ताओं के बीच लगातार बातचीत के ज़रिये सहयोगपूर्ण डिज़ाइन की समीक्षा करने की सुविधा मिलेगी, जिससे डिज़ाइन और युद्धपोत पर कर्मचारियों हेतु अनुकूल माहौल प्राप्त होगा।
  • नौसेना डिज़ाइन निदेशालय (Directorate of Naval Design) की शुरुआत 1960 में हुई थी और तब से निदेशालय ने युद्धपोत के डिज़ाइन और निर्माण में आत्मनिर्भरता बढ़ाते हुए देशी युद्धपोत डिज़ाइन की क्षमता में महत्त्वपूर्ण योगदान किया है।
  • निदेशालय ने अब तक 19 युद्धपोत डिज़ाइन विकसित किये हैं जिनमें अब तक 90 से अधिक प्लेटफॉर्म का निर्माण हो चुका है।

जलियाँवाला बाग हत्याकांड

जलियाँवाला बाग हत्याकांड की 100वीं वर्षगांठ पर 13 अप्रैल, 2019 को अमृतसर के जलियाँवाला बाग स्मारक में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है जिसमें शहीदो को श्रद्धांजलि अर्पित की जाएगी।

  • इस कार्यक्रम के दौरान एक स्मारक सिक्का और डाक टिकट का विमोचन किया जाएगा।
  • 13 अप्रैल, 1919 को जलियाँवाला बाग में आयोजित एक शांतिपूर्ण बैठक में शामिल लोगों पर ब्रिगेडियर जनरल रेगीनाल्ड डायर ने गोली चलाने का आदेश दिया था, जिसमें हज़ारों निहत्थे पुरुष, महिलाएँ और बच्चे मारे गए थे।
  • संसद ने ‘जलियाँवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक अधिनियम,1951’ के द्वारा जलियाँवाला बाग को राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया था।
  • इस स्मारक का प्रबंधन जलियाँवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक न्यास Jallianwala Bagh National Memorial Trust-JBNMT) करता है।

सेना कमांडर सम्मेलन

नई दिल्ली में 8-13 अप्रैल, 2019 तक सेना के कमांडरों का द्विवार्षिक सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है।

  • गौरतलब है कि यह सम्मेलन भारतीय सेना की योजना एवं क्रियान्वयन प्रक्रिया का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
  • सेना में कर्मठता सुनिश्चित करने के लिये कॉलेजिएट सिस्टम के ज़रिये फैसले लिये जाते हैं जिसमें सेना के कमांडर और वरिष्ठ अधिकारी शामिल होते हैं।
  • सेना कमांडर सम्मेलन में सुरक्षा की मौजूदा गतिविधियों, ऊभरते सुरक्षा हालात, सैन्य संचालन क्षमता में बढ़ोतरी और विपरीत परिस्थितियों में युद्ध के हालात से निपटने की क्षमता बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जाता है।
  • सम्मेलन में सेना की तैयारियों, तीनों सेनाओं के बीच ताल-मेल, सैन्य कूटनीति, संयुक्त अभ्यास जैसे मसले भी शामिल होते हैं।
  • सम्मलेन का उद्देश्य गहरी समझ विकसित करने और मिलजुल कर काम करने की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये दूरदृष्टि और उच्च विश्वसनीयता एवं समन्वित क्रियान्वयन पर ध्यान केंद्रित करना भी है।