प्रिलिम्स फैक्ट: 11 जनवरी, 2021

जगन्नाथ मंदिर

Jagannath Temple

हाल ही में श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (SJTA) ने घोषणा की है कि 21 जनवरी से पुरी के मंदिर में प्रवेश के लिये भक्तों को अपनी कोविड-19 की नकारात्मक रिपोर्ट दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी।

Jagannath-temple

  • वर्तमान में मंदिर में प्रवेश करने वाले भक्तों को कोविड-19 की नकारात्मक रिपोर्ट दिखानी होती है।
  • महामारी के मद्देनज़र नौ माह तक बंद रहने के बाद यह मंदिर 3 जनवरी से जनता के लिये दोबारा खोल दिया गया है।

प्रमुख बिंदु:

  • माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी में पूर्वी गंग राजवंश के राजा अनंतवर्मन चोडगंग देव द्वारा किया गया था।
  • जगन्नाथ पुरी मंदिर को ‘यमनिका तीर्थ’ भी कहा जाता है, जहाँ हिंदू मान्यताओं के अनुसार, पुरी में भगवान जगन्नाथ की उपस्थिति के कारण मृत्यु के देवता ‘यम’ की शक्ति समाप्त हो गई है।
  • इस मंदिर को "सफेद पैगोडा" कहा जाता था और यह चार धाम तीर्थयात्राओं (बद्रीनाथ, द्वारका, पुरी, रामेश्वरम) का एक हिस्सा है।
  • मंदिर के चार (पूर्व में ‘सिंहद्वार’, दक्षिण में  'अश्वद्वार’, पश्चिम में 'व्याघरा द्वार' और उत्तर में  'हस्तिद्वार’) मुख्य द्वार हैं। प्रत्येक द्वार पर नक्काशी की गई है।
  • प्रवेश द्वार के सामने अरुणा स्तंभ या सूर्य स्तंभ स्थित है, जो मूल रूप से कोणार्क के सूर्य मंदिर में था।

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 11 जनवरी, 2021

विश्व हिंदी दिवस

प्रतिवर्ष 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का प्राथमिक उद्देश्य विश्व में हिंदी के प्रचार-प्रसार के लिये उपयुक्त वातावरण तैयार करना और हिंदी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में स्थापित करना है। विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी, 1975 को नागपुर में आयोजित पहले विश्व हिंदी सम्मेलन की वर्षगाँठ को चिह्नित करता है। इस सम्मेलन का उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था। पहली बार विश्व हिंदी दिवस वर्ष 2006 में आयोजित किया गया, जिसकी शुरुआत पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह द्वारा की गई थी। भारत में एक बड़ा वर्ग हिंदी को अपनी मातृ भाषा मानता है। भारत के अलावा पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी, न्यूज़ीलैंड, संयुक्त अरब अमीरात, युगांडा, गुयाना, सूरीनाम, त्रिनिडाड, मॉरीशस और दक्षिण अफ्रीका सहित कई अन्य देशों में भी हिंदी भाषा बोलने वाले लोग पाए जाते हैं। गौरतलब है कि 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस और 14 सितंबर को राष्ट्रीय हिंदी दिवस मनाया जाता है।

‘हिंदी भाषा का प्रश्न स्वराज का प्रश्न है।’

-महात्मा गांधी 

भारत का पहला फायर पार्क

हाल ही में ओडिशा के मुख्यमंत्री ने राज्य में अपनी तरह के पहले ‘फायर पार्क’ का उद्घाटन किया, जिसका उद्देश्य आम लोगों के बीच अग्नि सुरक्षा से संबंधित उपायों पर जागरूकता पैदा करना है। भुवनेश्वर में ‘ओडिशा फायर एंड डिजास्टर’ अकादमी परिसर में स्थित फायर पार्क प्रत्येक शनिवार को दोपहर 3.30 से शाम 5.30 बजे तक आम जनता के लिये खुला रहेगा। अपनी तरह का यह पहला ‘फायर पार्क’ आम लोगों, विशेषकर विद्यालय और विश्विद्यालय के छात्रों के बीच बुनियादी अग्नि सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता पैदा करने में सहायक होगा। इस ‘फायर पार्क’ में प्राथमिक चिकित्सा, अग्निशमन उपकरणों के उपयोग संबंधी प्रदर्शन, बचाव और आपदा प्रबंधन पर डेमो और अग्नि सुरक्षा से संबंधित फिल्मों की स्क्रीनिंग आदि गतिविधियाँ की जाएंगीं।

जम्मू-कश्मीर में भारी बर्फबारी एक प्राकृतिक आपदा

केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में बर्फ से ढके इलाकों और बर्फबारी से प्रभावित लोगों को राहत सामग्री पहुँचाने के कार्य में तेज़ी लाने के लिये प्रदेश के उप-राज्‍यपाल मनोज सिन्हा ने ‘राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष’ (SDRF) के मानदंडों के तहत भारी बर्फबारी को राज्य के लिये प्राकृतिक आपदा घोषित कर दिया है। इससे पूर्व ‘भारी बर्फबारी’ ‘राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष’ (SDRF) के मानदंडों के तहत प्राकृतिक आपदाओं की सूची में शामिल नहीं थी, इसकी वजह से भारी बर्फबारी के कारण हुए नुकसान के लिये राहत और अन्‍य सामग्री का वितरण करना आपदा प्रबंधन अधिकारियों हेतु संभव नहीं होता था। इस निर्णय के कारण अब भारी बर्फबारी वाले इलाकों में राहत कार्य में तेज़ी लाई जा सकेगी ताकि बर्फबारी वाले इलाकों में लोगों को मदद पहुँचाई जा सके। 

‘अपने संविधान को जानें’ अभियान

केंद्र सरकार जल्द ही देश भर के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में ‘अपने संविधान को जानें’ नाम से एक अभियान आयोजित करेगी। इस अभियान का उद्देश्य देश के युवाओं को संविधान के विभिन्न पहलुओं के बारे में जागरूक करना है। इस संबंध में घोषणा करते हुए लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि ‘यद्यपि भारत के अधिकांश लोग संविधान में दिये गए अधिकारों के बारे में जागरूक हैं, किंतु वे अपने कर्तव्यों के बारे में नहीं जानते हैं। इस अभियान के तहत लोगों को उनके कर्तव्यों के बारे में भी जागरूक किया जाएगा, जिससे देश का संविधान और अधिक मज़बूत होगा।