प्रिलिम्स फैक्ट्स (09 Jul, 2021)



प्रिलिम्स फैक्ट्स : 09 जुलाई, 2021

स्पर्श : सिस्टम फॉर पेंशन एडमिनिस्ट्रेशन रक्षा

SPARSH: System for Pension Administration Raksha

हाल ही में रक्षा मंत्रालय ने स्पर्श (System for Pension Administration Raksha- SPARSH) नामक एक एकीकृत प्रणाली लागू की है।

प्रमुख बिंदु

प्रणाली के विषय में:

  • यह रक्षा पेंशन की मंज़ूरी और वितरण के स्वचालन हेतु एक एकीकृत प्रणाली है।
  • यह वेब आधारित प्रणाली पेंशन दावों को आगे बढ़ाती है और किसी बाहरी मध्यस्थ पर निर्भर हुए बिना सीधे रक्षा पेंशनभोगियों के बैंक खातों में उनकी पेंशन जमा करती है। 
  • पेंशनभोगियों के लिये एक पेंशनभोगी पोर्टल उपलब्ध है जिसके माध्यम से पेंशनभोगी अपनी पेंशन संबंधी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं, सेवाओं तक पहुँच प्राप्त कर सकते हैं और अपनी शिकायत (यदि हो) तो दर्ज करा सकते हैं।
  • स्पर्श (SPARSH) ने उन पेंशनभोगियों को अंतिम छोर से कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिये सेवा केंद्रों की स्थापना की परिकल्पना की है जो किसी भी कारण से सीधे स्पर्श पोर्टल तक पहुँचने में असमर्थ हों। 
    • रक्षा पेंशनभोगियों से संबंधित दो सबसे बड़े बैंकों-भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और पंजाब नेशनल बैंक (PNB) को साझा तौर पर सेवा केंद्र के रूप में चुना गया है।

रक्षा पेंशन से संबंधित अन्य पहल:

  • वन रैंक वन पेंशन (OROP) योजना: इसके तहत सेवानिवृत्त होने की तारीख से इतर समान सेवा अवधि और समान रैंक पर सेवानिवृत्त हो रहे सशस्त्र सैन्यकर्मियों को एक समान पेंशन दिये जाने का प्रावधान किया गया है।

Rapid Fire (करेंट अफेयर्स): 09 जुलाई, 2021

अंटार्कटिका में ‘काई’ की एक नई प्रजाति

पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय के ध्रुवीय जीव वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिका में पौधे की एक नई प्रजाति की खोज की है। इस प्रजाति के नमूने वर्ष 2016-2017 के अभियान के दौरान एकत्र किये गए थे। इन नमूनों पर किये गए पाँच वर्षीय अध्ययन के पश्चात् वैज्ञानिकों ने अंततः अंटार्कटिका की इस नई प्रजाति की पुष्टि कर दी है। वैज्ञानिकों ने इस नई प्रजाति का नाम देवी ‘सरस्वती’ (जिन्हें ‘भारती’ के नाम से भी जाना जाता है) के नाम पर ‘ब्रायम भारतीएंंसिस' रखा है। ज्ञात हो कि पौधों को जीवित रहने के लिये पोटेशियम, फास्फोरस, सूर्य के प्रकाश और पानी के साथ नाइट्रोजन की आवश्यकता होती है। वहीं अंटार्कटिका का केवल 1 प्रतिशत हिस्सा ही बर्फ से मुक्त है, ऐसे में सबसे बड़ा प्रश्न यह था कि ‘काई’ (Moss) की यह विशिष्ट प्रजाति चट्टान और बर्फ में इस क्षेत्र में किस प्रकार जीवित रही। वैज्ञानिकों ने अपने अध्ययन में पाया कि इस प्रकार की ‘काई’ मुख्य रूप से उन क्षेत्रों में पाई जाती है जहाँ पेंगुइन बड़ी संख्या में प्रजनन करते हैं। पेंगुइन के मल में नाइट्रोजन होता है। ऐसे में ये पौधे मूल रूप से पेंगुइन के मल पर जीवित रहते हैं, जो उन्हें इस विशिष्ट जलवायु में जीवित रहने में मदद करते हैं। विदित हो कि यह खोज भारतीय अंटार्कटिका मिशन के लिये महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि वर्ष 1981 में मिशन की शुरुआत के बाद यह पहली बार है जब पौधों की किसी प्रजाति की खोज की गई है। अंटार्कटिका में भारत का पहला स्टेशन वर्ष 1984 में स्थापित किया गया था, जो कि वर्ष 1990 में बर्फ में दब गया था। इसके पश्चात् दो नए स्टेशनों- मैत्री और भारती को क्रमशः वर्ष 1989 और वर्ष 2012 में कमीशन किया गया, जो आज भी कार्य कर रहे हैं।

‘प्लेनेट TOI-1231’

पृथ्वी की कक्षा से परे जीवन की तलाश में वैज्ञानिकों ने एक नए एक्सोप्लेनेट की खोज की है, जहाँ का  वातावरण समृद्ध है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ‘प्लेनेट TOI-1231’ पृथ्वी से 90 प्रकाश वर्ष दूर एक लाल डवार्फ तारे की परिक्रमा कर रहा है। यह ग्रह पृथ्वी के आकार से साढ़े तीन गुना बढ़ा है और पृथ्वी से 57 डिग्री सेल्सियस गर्म है। ऐसे में इस ग्रह पर अब ज्ञात अपेक्षाकृत छोटे ग्रहों की तुलना में सबसे बेहतर वातावरण है और एक नए ग्रह की तलाश करने की दिशा में यह काफी महत्त्वपूर्ण हो सकता है। इस एक्सोप्लेनेट की खोज नासा के शोधकर्त्ताओं द्वारा की गई है। अपनी कक्षा के करीब होने के बावजूद शोधकर्त्ताओं ने ग्रह को अपेक्षाकृत ठंडा पाया है। यह ग्रह अपने आकार के कारण रहने योग्य है और साथ ही इसकी विशिष्ट वातावरणीय संरचना वैज्ञानिकों को इसके अध्ययन का विशिष्ट अवसर प्रदान करती है। इस ग्रह का अवलोकन हमें अपने सौरमंडल समेत तमाम ग्रह प्रणालियों की संरचना एवं गठन के बारे में नई अंतर्दृष्टि प्रदान करेगा और पृथ्वी के समान एक नए ग्रह की खोज में मददगार साबित होगा। एक्सोप्लेनेट का आशय हमारे सौरमंडल से बाहर पाए जाने वाले किसी ग्रह से है, जो कि विशिष्ट सितारे की परिक्रमा कर रहा है। पहले एक्सोप्लेनेट की खोज 1990 के दशक में की गई थी और तब से अब तक ऐसे हज़ारों खगोल निकायों की खोज की जा चुकी है।

हैती के राष्ट्रपति ‘जोवेनल मौइसे’ की हत्या

हाल ही में हैती के राष्ट्रपति ‘जोवेनल मौइसे’ की उनके निजी आवास पर हत्या कर दी गई है। इस घटना के पश्चात् हैती में आपातकाल की घोषणा कर दी गई है। 48 वर्षीय व्यवसायी और राजनेता ‘जोवेनल मौइसे’ ने 7 फरवरी, 2017 को हैती के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। विदित हो कि वर्ष 1957 से वर्ष 1986 तक फ्रेंकोइस और जीन-क्लाउड डुवेलियर की क्रूर तानाशाही के अंत के बाद से हैती गंभीर गरीबी और अपराध के साथ राजनीतिक अस्थिरता जैसी चुनौतियों का सामना कर रहा है। कैरेबियन सागर में स्थित देश हैती, हिसपनिओला द्वीप के पश्चिमी हिस्से में स्थित एक छोटा सा देश है। हैती ‘तैनो भाषा’ का एक शब्द है, जिसका अर्थ है ‘पहाड़ी देश’। वर्तमान में हैती के लगभग 11 मिलियन निवासी मुख्य रूप से अफ्रीकी मूल के हैं। 19वीं सदी की शुरुआत में फ्राँँसीसी औपनिवेशिक नियंत्रण और दासता को समाप्त कर हैती दुनिया का पहला अश्वेत नेतृत्व वाला गणराज्य तथा स्वतंत्र कैरिबियन राज्य बना था। ‘पोर्ट-ऑ-प्रिंस’ हैती की राजधानी है। हैती दोनों अमेरिकी महाद्वीपों का एकमात्र देश है जिसे दुनिया के सबसे कम विकसित देशों में गिना जाता है।