आप्रवास और विदेशियों विषयक अधिनियम, 2025
आप्रवास और विदेशियों विषयक अधिनियम, 2025 (The Immigration and Foreigners Act, 2025) 1 सितंबर, 2025 से प्रभाव में आ गया है। यह अधिनियम भारत के आव्रजन संबंधी कानूनों को एकीकृत करता है, जाली दस्तावेज़ों के लिये कठोर दंड का प्रावधान करता है विदेशियों की निगरानी एवं रिपोर्टिंग की व्यवस्था को और अधिक सशक्त बनाता है।
- यह चार पुराने और अप्रचलित कानूनों को निरस्त करता है: पासपोर्ट (भारत में प्रवेश) अधिनियम, 1920, विदेशियों का पंजीकरण अधिनियम, 1939, विदेशियों विषयक अधिनियम, 1946 और आव्रजन (वाहक देयता) अधिनियम, 2000।
आप्रवास और विदेशियों विषयक अधिनियम, 2025 के प्रमुख प्रावधान क्या हैं?
- जाली यात्रा दस्तावेज़ों के लिये कठोर दंड: जाली पासपोर्ट, वीज़ा या अन्य यात्रा दस्तावेज़ों का उपयोग करने या आपूर्ति करने पर 2-7 वर्ष का कारावास और 1-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- वैध अनुमति के बिना प्रतिबंधित क्षेत्रों में प्रवेश करने वाले विदेशियों के लिये 5 वर्ष तक का कारावास या 5 लाख रुपये का ज़ुर्माना हो सकता है।
- विदेशियों के विवरण की अनिवार्य रिपोर्टिंग: होटलों, विश्वविद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, अस्पतालों और नर्सिंग होम को अपने यहाँ रहने वाले या आने वाले विदेशी नागरिकों के बारे में जानकारी देनी होगी।
- अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइनों और शिपिंग कंपनियों को आगमन से पहले यात्रियों और चालक दल का डेटा साझा करना आवश्यक है।
- परिसरों पर सरकारी नियंत्रण: सुरक्षा कारणों से आवश्यक समझे जाने पर, केंद्र सरकार को विदेशियों द्वारा अक्सर दौरा किये जाने वाले परिसरों को विनियमित करने या बंद करने का अधिकार है।
- आप्रवासन ब्यूरो: यह अधिनियम आप्रवासन ब्यूरो (जो 1971 में खुफिया ब्यूरो के तहत स्थापित) को कानूनी मान्यता प्रदान करता है, जिससे ब्यूरो को अवैध विदेशियों की पहचान करने, उन्हें हिरासत में लेने और देश से निर्वासित करने का अधिकार मिलता है।
क्या आप जानते हैं?
- अमेरिका: आतंकवादी समूहों से जुड़े व्यक्तियों की पहचान करने और उनके वीज़ा रद्द करने के लिये कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) उपकरणों का उपयोग करते हुए “कैच एंड रिवोक” (Catch and Revoke) नामक पहल शुरू की गई है।
- ऑस्ट्रेलिया: सुरक्षा जोखिम माने जाने वाले गैर-नागरिकों को हिरासत में रखने की अनुमति देता है, लेकिन राज्यविहीन (Stateless) व्यक्तियों को अनिश्चित काल तक हिरासत में रखने पर रोक है, जब तक कि उनके निर्वासन की संभावना न हो।
- खाड़ी देश: सऊदी अरब, बहरीन और कुवैत ने सुरक्षा कारणों से हज़ारों प्रवासी श्रमिकों को निर्वासित किया है, और अक्सर अपील के लिये सीमित विकल्प उपलब्ध कराए गए हैं।
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सेशेल्स में भारतीय नौसेना का पहला प्रशिक्षण स्क्वाड्रन
स्रोत: TH
भारतीय नौसेना के प्रथम प्रशिक्षण स्क्वाड्रन (INS तीर, INS शार्दूल और ICGS सारथी) ने दक्षिण-पश्चिम हिंद महासागर क्षेत्र में एक दीर्घ दूरी के प्रशिक्षण मिशन के दौरान सेशेल्स के पोर्ट विक्टोरिया में आगमन किया।
- भारत के महासागर विज़न (क्षेत्रों में सुरक्षा और विकास के लिये पारस्परिक और समग्र उन्नति) का परिनियोजन भाग।
सेशेल्स
विषय |
विवरण |
स्थान |
सेशेल्स एक द्वीपीय राष्ट्र है, जो मेडागास्कर के उत्तर-पूर्व में अफ्रीका महाद्वीप के पूर्वी तट से दूर स्थित है। |
आकार |
भूमि क्षेत्रफल और जनसंख्या दोनों दृष्टि से यह अफ्रीका का सबसे छोटा राष्ट्र है। |
द्वीपसमूह |
यह 155 द्वीपों का द्वीपसमूह है, जो पश्चिमी हिंद महासागर में स्थित है। इसमें माहे सबसे बड़ा और सबसे विविधतापूर्ण द्वीप है। |
भौगोलिक स्थिति |
सेशेल्स के द्वीप हिंद महासागर में स्थित मास्कारेन पठार (Mascarene Plateau) पर बसे हैं, जो एक विस्तृत जलमग्न पठार है। |
NIRF इंडिया रैंकिंग 2025
शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (National Institutional Ranking Framework- NIRF) भारत रैंकिंग 2025 जारी की, जिसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास (IIT मद्रास) को लगातार सातवें वर्ष समग्र श्रेणी में शीर्ष संस्थान के रूप में पुनः मान्यता दी गई।
- NIRF 2025 में 17 श्रेणियों में 7,692 संस्थानों को शामिल किया गया, जो अब तक का सर्वाधिक आँकड़ा है। इसमें "हरित" प्रथाओं को मापने के लिये एक नई सतत् विकास लक्ष्य (SDG) श्रेणी भी शामिल है, जो सतत् और जवाबदेह उच्च शिक्षा पर सरकार के फोकस को उजागर करती है।
- राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF): शिक्षा मंत्रालय द्वारा सितंबर 2015 में शुरू किया गया, यह संस्थानों को पाँच मापदंडों- शिक्षण, सीखना और संसाधन (30%), अनुसंधान और व्यावसायिक अभ्यास (30%), स्नातक परिणाम (20%), और आउटरीच और समावेशिता और सहकर्मी धारणा (प्रत्येक 10%) पर रैंक करता है।
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