प्रिलिम्स फैक्ट्स (01 May, 2025)



सैन्य अभ्यास डस्टलिक 2025

स्रोत: पी.आई.बी.

भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच संयुक्त सैन्य अभ्यास डस्टलिक 2025 का छठा संस्करण पुणे में संपन्न हुआ। इस अभ्यास का वर्ष 2024 का संस्करण उज़्बेकिस्तान के टर्मेज़ में हुआ था। 

अभ्यास डस्टलिक 2025

  • सैन्य अभ्यास डस्टलिक (उज्बेक में इसका अर्थ 'दोस्ती' है) भारत और उज़्बेकिस्तान के बीच क्रमिक रूप से आयोजित किया जाने वाला एक वार्षिक द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास है।
  • इसमें भारतीय दल में जाट रेजिमेंट और भारतीय वायु सेना की एक बटालियन के साथ दूसरी ओर से उज़्बेकिस्तान सेना ने प्रतिनिधित्व किया।
  • इस अभ्यास में अर्द्ध-नगरीय परिदृश्य में संयुक्त बहु-डोमेन उप-परंपरागत ऑपरेशनों पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसमें क्षेत्र पर कब्जा करने से संबंधित आतंकवादी गतिविधियों की प्रतिक्रिया का अनुकरण किया गया।  
  • इसमें आतंकवाद विरोधी अभियानों, संयुक्त संचालन केंद्र, जनसंख्या नियंत्रण, छापामारी तथा खोज-और-नष्ट मिशन पर ध्यान केंद्रित किया गया, जिसका उद्देश्य अंतर-संचालन को बढ़ावा देना एवं भारत-उज़्बेकिस्तान रक्षा संबंधों को मज़बूत करना था। 

उज़्बेकिस्तान

  • उज़बेकिस्तान मध्य एशिया में सीर दरिया और अमु दरिया नदियों के बीच स्थित है। इसकी सीमाएँ कज़ाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान और तुर्कमेनिस्तान से मिलती हैं।

और पढ़ें: अभ्यास डस्टलिक, भारत के प्रमुख सैन्य अभ्यास 


वायुसेना मार्शल अर्जन सिंह की जयंती

स्रोत: पी.आई.बी.

भारतीय वायु सेना के मार्शल अर्जन सिंह की 106वीं जयंती दिल्ली के आस्था वृद्धाश्रम में उनकी आवक्ष प्रतिमा (पत्थर की प्रतिमा) के अनावरण के साथ मनाई गई।

वायुसेना मार्शल अर्जन सिंह

  • उनका जन्म 1919 में लायलपुर (वर्तमान पाकिस्तान) में हुआ था, उन्हें वर्ष 1939 में रॉयल इंडियन एयर फोर्स में नियुक्त किया गया था और द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान बर्मा अभियान में उनकी भूमिका के लिये उन्हें विशिष्ट फ्लाइंग क्रॉस (DFC) से सम्मानित किया गया था। 
    • वर्ष 1964 में 44 वर्ष की आयु में उन्होंने वायु सेना प्रमुख का पद ग्रहण किया।
  • वर्ष 1965 के भारत-पाक युद्ध के दौरान, उनके निर्णायक नेतृत्व के परिणामस्वरूप भारतीय वायुसेना द्वारा अखनूर में हुए पाकिस्तान के आक्रमण का कुछ ही समय में प्रतिरोध कर उसका दमन करने में सफलता मिली, जिसके लिये उन्हें पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। 
  • वर्ष 2002 में, वह वायुसेना के मार्शल की फाइव स्टार रैंक से सम्मानित होने वाले एकमात्र भारतीय वायुसेना अधिकारी बने। 
  • सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने दिल्ली के राजदूत और उपराज्यपाल के रूप में कार्य किया।

भारतीय सशस्त्र बलों में फाइव स्टार रैंक

  • भारतीय सशस्त्र बलों में फाइव स्टार रैंक- फील्ड मार्शल (थल सेना), मार्शल ऑफ द एयर फोर्स (वायु सेना), और एडमिरल ऑफ द फ्लीट (नौसेना) सर्वोच्च सैन्य सम्मान का प्रतिनिधित्व करते हैं और विशिष्ट सेवा के लिये प्रदान किये जाते हैं। 
  • ये रैंक अत्यंत दुर्लभ अथवा विशिष्ट स्थितयों में ही प्रदान किये जाते हैं और इन्हें अधिकारियों के संपूर्ण जीवनकाल के लिये बरकरार रखा जाता है, तथा अधिकारियों को मृत्यु तक सेवारत कार्मिक माना जाता है । 
  • फील्ड मार्शल का पद केवल के.एम. करिअप्पा और सैम मानेकशॉ को दिया गया है, जबकि एडमिरल ऑफ द फ्लीट अभी तक किसी को प्रदान नहीं किया गया है।

Ranks_in_Armed_Force

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