डेली न्यूज़ (31 Jan, 2019)



राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना

चर्चा में क्यों?


हाल ही में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (Indian Council of Agricultural Research-ICAR) ने 1100 करोड़ रुपए की लागत से महत्त्वकांक्षी राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (National Agricultural Higher Education Project-NAHEP) की शुरुआत की है। इस परियोजना का उद्देश्य प्रतिभाओं को आ‍कर्षित करने के साथ ही देश में उच्चतर कृषि शिक्षा को मज़बूत करना है।


प्रमुख बिंदु

  • राष्ट्रीय कृषि उच्चतर शिक्षा परियोजना (NAHEP) को विश्व बैंक और भारत सरकार द्वारा 50:50 की साझा लागत के आधार पर वित्तपोषित किया जाएगा। इसके अलावा कृषि, बागवानी, मछली पालन और वानिकी में चार वर्षीय डिग्री को व्यावसायिक डिग्री घोषित किया गया है।
  • कृषि शिक्षा को उपयोगी बनाने के लिये पाँचवी डीन समिति की सिफारिशों को सभी कृषि विश्वविद्यालयों में लागू करा दिया गया है। इसके तहत कृषि डिग्री के पाठ्यक्रमों को संशोधित कर उसमें जैव प्रौद्योगिकी, सूचना प्रौद्योगिकी, बायो इन्फ़ॉर्मेटिक्स, दूरसंवेदी, जैविक खेती, कृषि व्यवसाय प्रबंधन, आदि विषयों को सम्मिलित किया गया है।
  • इसमें अनुभवजन्य शिक्षा, कौशल और उद्य‍मशीलता विकास पर ज़ोर दिया जा रहा है। इसके साथ ही बी.एस.सी. (समुदाय विज्ञान), बी.एस.सी. (खाद्य पोषण और आहार विद्या) तथा बी.एस.सी. (रेशम उत्पादन) जैसे विषयों को भी शामिल किया गया है।
  • कृषि व्यापार में छात्रों की भागीदारी को प्रोत्साहित करने के लिये ‘स्टूडेंट रेडी’ नामक ग्रामीण उद्यमशीलता जागरूकता विकास योजना चलाई जा रही है। इसके तहत परास्नातक छात्रों को कृषि और उद्यमशीलता के लिये व्यावहारिक अनुभव प्रदान किया जाता है।
  • कृषि के क्षेत्र में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिये कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय और कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय के बीच एक समझौता-दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर किये गए हैं। इसके तहत देश के कृषि विज्ञान केंद्रों पर नियमित रूप से कौशल विकास प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। ये प्रशिक्षण कार्यक्रम कृषि एवं संबंधित विषयों पर आधारित हैं।

पाँचवीं डीन समिति

  • भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, कृषि शिक्षा और अनुसंधान विभाग, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने डॉ. राम बदन सिंह की अध्यक्षता में पाँचवीं डीन समिति का गठन किया था।
  • पाँचवीं डीन समिति का उद्देश्य कृषि स्नातक शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण पाठ्यक्रम का पुनर्निर्धारण करना था।

स्रोत- पीआईबी


राष्‍ट्रीय नमक सत्‍याग्रह स्‍मारक

चर्चा में क्यों?


महात्मा गांधी की पुण्यतिथि (30 जनवरी) के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दांडी में राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक (National Salt Satyagraha Memorial) राष्ट्र को समर्पित किया।

  • दांडी गुजरात के नवसारी ज़िले में स्थित है।
  • इस स्मारक में महात्मा गांधी और ऐतिहासिक दांडी नमक यात्रा के दौरान उनके साथ 80 सत्याग्राहियों की प्रतिमाएँ हैं जिन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ समुद्र के पानी से नमक बनाया था।
  • यहाँ बने 24 कथात्मक भित्ति चित्र (Narrative Murals) 1930 के ऐतिहासिक नमक सत्याग्रह से जुड़ी विभिन्न घटनाओं और कथाओं को दर्शाते हैं।

नमक सत्याग्रह (Salt Satyagraha)


पृष्ठभूमि-
दिसंबर 1929 के अंत में आयोजित कॉन्ग्रेस के लाहौर अधिवेशन में दो महत्त्वपूर्ण निर्णय लेते हुए जहाँ जवाहरलाल नेहरू को कॉन्ग्रेस का अध्यक्ष चुना गया जो कि युवा पीढ़ी को नेतृत्त्व सौंपने का प्रतीक था, वहीं ‘पूर्ण स्वराज’ अथवा पूर्ण स्वतंत्रता की उद्घोषणा भी की गई।

  • 26 जनवरी, 1930 को विभिन्न स्थानों पर राष्ट्रीय ध्वज फहराकर और देशभक्ति के गीत गाकर ‘स्वतंत्रता दिवस’ मनाया गया। स्वतंत्रता दिवस मनाए जाने के तुरंत बाद महात्मा गांधी ने घोषणा की कि वे ब्रिटिश भारत के सर्वाधिक घृणित कानूनों में से एक, जिसने नमक के उत्पादन और विक्रय पर राज्य को एकाधिकार दिया है, को तोड़ने के लिये एक यात्रा का नेतृत्व करेंगे।
  • 31 जनवरी, 1930 को महात्मा गांधी ने वायसराय इरविन को एक पत्र लिखा जिसमें 11 मांगों का उल्लेख किया गया था। इस मांगों में सबसे महत्त्वपूर्ण मांग नमक पर लगने वाले कर को समाप्त करने की थी।

नमक कानून का विरोध क्यों?

  • प्रत्येक भारतीय घर में नमक का प्रयोग अपरिहार्य था लेकिन इसके बावजूद उन्हें घरेलू उपयोग के लिये भी नमक बनाने से रोका गया और इस तरह उन्हें दुकानों से ऊँचे दाम पर नमक खरीदने के लिये बाध्य किया गया था।
  • उस समय बिना कर (जो कभी-कभी नमक के मूल्य का चौदह गुना होता था) अदा किये नमक के प्रयोग को रोकने के लिये सरकार उस नमक को नष्ट कर देती थी जिसे वह लाभ पर नहीं बेच पाती थी।

नमक सत्याग्रह की शुरुआत

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12 मार्च, 1930 को महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से इस सत्याग्रह की शुरुआत की। यह यात्रा साबरमती आश्रम से 240 किमी. दूर गुजरात के दांडी नामक तटीय कस्बे में पहुँचकर समाप्त होनी थी।

  • यह पहली राष्ट्रवादी गतिविधि थी, जिसमें औरतों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
  • 6 अप्रैल,1930 को वे दांडी पहुँचे और वहाँ मुट्ठीभर नमक बनाकर ‘नमक कानून’ का उल्लंघन किया और कानून की नज़र में स्वयं को अपराधी बना दिया। यहीं से सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई।
  • नमक सत्याग्रह के दौरान महात्मा गांधी सहित 60,000 लोगों को गिरफ्तार किया गया।
  • 5 मार्च, 1931 को गांधी और इरविन के बीच एक समझौता हुआ जिसे ‘गांधी-इरविन समझौता’ या ‘दिल्ली पैक्ट’ के नाम से भी जाना जाता है। इस समझौते के तहत समुद्र के किनारे बसे लोगों को नमक बनाने व उसे एकत्रित करने की छूट दिये जाने की मांग को स्वीकार किया गया।

स्रोत : पी.आई.बी एवं एन.सी.ई.आर.टी


5 वर्षों में सरकार की प्रमुख उपलब्धियाँ

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के अभिभाषण के साथ संसद का बजट सत्र 31 जनवरी को शुरू हुआ। मई 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले संभवतः यह लोकसभा का अंतिम सत्र है। संसद के दोनों सदनों को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने अपने अभिभाषण में पिछले पाँच वर्षों में हुई सरकार की प्रमुख उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।


सरकार की प्रमुख उपलब्धियाँ

  • GST लागू होने के बाद से देश में ईमानदार और पारदर्शी व्यापारिक व्यवस्था बन रही है। इस व्यवस्था से व्यापारियों के लिये पूरे देश में कहीं पर भी व्यापार करना आसान हुआ है और देश ने बहुत कम समय में इस नई प्रणाली को अपनाया है।
  • 2014 से पहले 3.8 करोड़ लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते थे, वहीं यह तादाद बढ़कर 6.8 करोड़ से ज़्यादा हो गई है। 
  • नए इंसॉल्वेंसी और बैंकरप्सी कोड की वज़ह से अब तक बैंकों और देनदारों के 3 लाख करोड़ रुपए का प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष निपटारा हुआ है। 
  • डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर का विस्तार करने से 6 लाख 5 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा की राशि लाभार्थियों तक पहुँची। अब तक लगभग 1 लाख 10 हज़ार करोड़ रुपए गलत हाथों में जाने से बचे हैं। लगभग 8 करोड़ फर्ज़ी नामों को भी लाभार्थियों की सूची से हटाया गया है।
  • स्वच्छ भारत अभियान के तहत 9 करोड़ से ज़्यादा शौचालयों का निर्माण हुआ। यही वज़ह है कि आज ग्रामीण स्वच्छता का दायरा बढ़कर 98 प्रतिशत हो गया है, जो कि 2014 में 40 प्रतिशत से भी कम था।
  • आयकर का बोझ घटाकर और महंगाई पर नियंत्रण करके मध्यम वर्ग को बचत के नए अवसर दिये हैं।
  • केवल 1 रुपया प्रतिमाह के प्रीमियम पर प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के रूप में लगभग 21 करोड़ गरीब देशवासियों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है।
  • प्रधानमंत्री जन आरोग्य अभियान के तहत देश के 50 करोड़ गरीबों के लिये गंभीर बीमारी की स्थिति में, हर परिवार पर प्रतिवर्ष 5 लाख रुपए तक के इलाज खर्च की व्यवस्था की गई है। केवल 4 महीनों में ही इस योजना के तहत 10 लाख से ज़्यादा लोग अपना इलाज करवा चुके हैं।
  • दशकों के प्रयास के बाद भी वर्ष 2014 तक देश में केवल 12 करोड़ गैस कनेक्शन थे। बीते केवल साढ़े चार वर्षों में कुल 13 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन दिया गया है।
  • चूल्हे के धुएँ के कारण महिलाओं का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा था और उनका अधिकांश समय ईंधन जुटाने में लग जाता था। इसके मद्देनज़र उज्ज्वला योजना के तहत अब तक 6 करोड़ से ज़्यादा गैस कनेक्शन दिये गए हैं।
  • तमिलनाडु के मदुरै से लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा तक और गुजरात के राजकोट से लेकर असम के कामरूप तक, नए एम्स बनाए जा रहे हैं। गाँवों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिये बीते चार वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई में 31 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं।
  • पिछले साढ़े चार वर्षों में विभिन्न आवास योजनाओं के तहत 1 करोड़ 30 लाख से ज़्यादा घरों का निर्माण किया जा चुका है, जबकि वर्ष 2014 के पहले, पाँच वर्षों में सिर्फ 25 लाख घरों का ही निर्माण हुआ था।
  • 2014 में 18 हजार से अधिक गाँव ऐसे थे, जहाँ बिजली नहीं पहुँची थी। आज देश के हर गाँव तक बिजली पहुँच गई है। प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना के तहत अब तक 2 करोड़ 47 लाख घरों में बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है।
  • बीते साढ़े चार वर्षों में औसतन हर महीने 140 सहायता शिविरों का आयोजन किया गया, जहाँ पहुंचकर दिव्यांग-जन खुद सहायता उपकरण प्राप्त करते हैं। इस दौरान लगभग 12 लाख दिव्यांग-जनों को 700 करोड़ रुपए के सहायता उपकरण दिये गए हैं।
  • 2014 में देश में मानव-रहित रेलवे क्रॉसिंग्स की संख्या 8,300 थी। मानव-रहित रेलवे क्रॉसिंग्स समाप्त करने का अभियान चलाया गया और अब ऐसी क्रॉसिंग्स की संख्या बहुत कम रह गई है। 
  • किसी नाबालिग के साथ बलात्कार करने के जघन्य अपराध के लिये अपराधी को फाँसी की सज़ा तक देने का प्रावधान किया गया है। ऐसे मामलों में तेज़ी से सुनवाई के लिये कई राज्यों में फास्ट ट्रैक कोर्ट्स बनाए गए हैं।
  • मुस्लिम महिलाओं को डर और भय की ज़िंदगी से निज़ात दिलाने तथा उन्हें अन्य महिलाओं के समान जीवन जीने के अधिकार देने हेतु तीन तलाक से जुड़े कानून को संसद से पारित करवाने के प्रयास किये जा रहे हैं।
  • शीतकालीन सत्र में संसद द्वारा संविधान का 103वाँ संशोधन पारित करके गरीबों को आरक्षण का लाभ पहुँचाने का फैसला लिया गया है। यह पहल, देश के उन गरीब युवाओं के साथ न्याय करने का प्रयास है जो गरीबी के अभिशाप के कारण वंचित महसूस कर रहे थे।
  • नौजवानों को अपने व्यवसाय के लिये आसानी से ऋण प्राप्त हो, इसके लिये प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत बिना किसी गारंटी के 7 लाख करोड़ रुपए से ज़्यादा के लोन दिये गए हैं। इसका लाभ 15 करोड़ से ज़्यादा लोगों ने उठाया है। इनमें से 73 प्रतिशत लोन महिला उद्यमियों ने प्राप्त किये हैं।
  • देश के किसानों की आय को दोगुना करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इस पहल के तहत 22 फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को फसल की लागत का डेढ़ गुना से अधिक किया गया है।
  • कामकाजी महिलाओं को अपने नवजात शिशुओं के अच्छी तरह लालन-पालन का पर्याप्त समय मिल सके, इसके लिये मैटरनिटी लीव को 12 सप्ताह से बढ़ाकर 26 सप्ताह किया गया है। 
  • जनधन योजना की वज़ह से आज देश में 34 करोड़ लोगों के बैंक खाते खुले हैं और देश का लगभग हर परिवार बैंकिंग व्यवस्था से जुड़ गया है। आज जनधन खातों में 88 हज़ार करोड़ रुपए जमा हैं और इन खातों ने बचत करने का तरीका बदल दिया है।
  • उच्च स्तरीय प्रोफेशनल एजुकेशन के अवसरों को बढ़ाने के लिये 7 IIT, 7 IIM, 14 IIIT,1 NIT और 4 NID की स्थापना की जा रही है।
  • दीन दयाल अंत्योदय योजना के तहत लगभग 6 करोड़ महिलाएं स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी हैं। ऐसे महिला स्वयं सहायता समूहों को 75 हजार करोड़ रुपए से अधिक का ऋण उपलब्ध कराया गया है।
  • भारत ने सीमा पार आतंकियों के ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक करके अपनी ‘नई नीति और नई रीति’ का परिचय दिया है।
  • पिछले साल भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हुआ है जिनके पास परमाणु त्रिकोण की क्षमता है। भारत अब आसमान, ज़मीन और समुद्र तीनों जगहों से परमाणु हमला करने में सक्षम देश बन गया है।
  • चार दशकों से लंबित वन रैंक वन पेंशन की मांग को पूरा करते हुए 20 लाख पूर्व-सैनिकों को 10,700 करोड़ रुपए से ज़्यादा के एरियर का भुगतान भी किया गया।
  • दशकों के अंतराल के बाद भारतीय वायुसेना आने वाले महीनों में नई पीढ़ी के अति आधुनिक युद्धक विमान राफेल को शामिल करके अपनी शक्ति को और सुदृढ़ करने जा रही है।
  • भारत की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया और आज यह दिवस पूरे विश्व में मनाया जाता है। 
  • भारत आज विश्व-व्यापी सौर ऊर्जा क्रांति का नेतृत्व कर रहा है। पिछले वर्ष इंटरनेशनल सोलर एलायंस महासभा की पहली बैठक दिल्ली में आयोजित की गई।
  • जम्मू-कश्मीर के विकास के लिये 80 हज़ार करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया। इस पैकेज में से इंफ्रास्ट्रक्चर, स्वास्थ्य और शिक्षा से जुड़ी अलग-अलग परियोजनाओं के लिये अब तक 66 हज़ार करोड़ रुपए से ज़्यादा दिये जा चुके हैं।
  • गुरु गोविंद सिंह जी के प्रकाश पर्व पर भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर कॉरीडोर बनाने का निर्णय लिया गया।
  • नमामि गंगे मिशन के तहत अब तक 25 हजार 500 करोड़ रुपए की परियोजनाओं को स्वीकृति दी जा चुकी है।
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और संपूर्ण पूर्वी भारत में देश का नया ग्रोथ इंजन बनने की क्षमता है। पूर्वी भारत में रेलवे, हाईवे, वॉटरवे, एयरवे से जुड़े इंफ्रास्ट्रक्चर को मज़बूत किया जा रहा है।
  • रक्षा उपकरणों के उद्यम स्थापित करके देश को सुरक्षित बनाने तथा युवाओं को नए अवसर देने के लिये तमिलनाडु और उत्तर प्रदेश में डिफेंस कॉरीडोर का निर्माण किया जा रहा है।
  • भारत मोबाइल फोन बनाने वाला दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश बन गया है। 2014 में जहाँ 1 GB डेटा की कीमत लगभग 250 रुपए थी, अब वह घटकर 10-12 रुपए हो गई है।
  • 2014 में देश में मात्र 59 ग्राम पंचायतों तक डिजिटल कनेक्टिविटी पहुँच पाई थी। आज एक लाख 16 हज़ार ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ दिया गया है और लगभग 40 हज़ार ग्राम पंचायतों में वाई-फाई हॉटस्पॉट लगा दिये गए हैं।
  • मेक इन इंडिया के तहत आंध्र प्रदेश में एशिया के सबसे बड़े MedTech Zone की स्थापना की जा रही है।

‘द फ्यूचर ऑफ़ रेल’ रिपोर्ट

चर्चा में क्यों?


30 जनवरी, 2018 को अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency-IEA) की ‘द फ्यूचर ऑफ रेल’ (The Future of Rail) रिपोर्ट जारी की गई।


महत्त्वपूर्ण बिंदु

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  • ‘द फ्यूचर ऑफ रेल’ में एक बुनियादी परिदृश्य (Base Scenario) शामिल है जो घोषित नीतियों, विनियमों और परियोजनाओं के आधार पर वर्ष 2050 तक रेलवे क्षेत्र में होने वाले संभावित विकास को दर्शाता है।
  • इसमें एक उच्च रेल परिदृश्य (High Rail Scenario) को भी शामिल किया गया है जो रेल परिवहन की ओर यात्रियों तथा वस्तुओं के स्थानांतरण के कारण होने वाले ऊर्जा और पर्यावरणीय लाभों को प्रदर्शित करता है।
  • बुनियादी रेल परिदृश्य की तुलना में उच्च रेल परिदृश्य के लिये लगभग 60% अधिक निवेश किये जाने की आवश्यकता है। इसके चलते वर्ष 2030 के अंत तक परिवहन के कारण होने वाले वैश्विक CO2 उत्सर्जन में कमी आएगी, वायु प्रदूषण कम होगा और तेल की मांग में भी कमी आएगी।
  • ‘द फ्यूचर ऑफ रेल’ IEA श्रृंखला में नवीनतम रिपोर्ट है जो ऊर्जा प्रणाली में ऐसे मुद्दे पर प्रकाश डालती है जिस पर नीति-निर्माताओं को अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।

रिपोर्ट में भारत पर किया गया है मुख्य फोकस

  • रिपोर्ट में भारत पर विशेष रूप से फोकस किया गया है। क्योंकि यहाँ रेल परिवहन का प्राथमिक साधन बना हुआ है, यह शहरों और विभिन्न क्षेत्रों के बीच एक महत्त्वपूर्ण कनेक्टिविटी प्रदान करता है और यात्रियों को सस्ते आवागमन की गारंटी देता है जो लंबे समय से भारत सरकार की प्राथमिकता रही है।
  • हालाँकि वर्ष 2000 के बाद से भारत में रेल से यात्रा करने वालों की संख्या में लगभग 200% की वृद्धि हुई है, फिर भी भविष्य में इस संख्या में और अधिक वृद्धि होने की संभावनाएँ बनी हुई हैं।
  • भारत की पहली हाई-स्पीड रेल लाइन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है। मेट्रो लाइनों की कुल लंबाई अगले कुछ वर्षों में तिगुनी से अधिक होने की संभावना है और वर्ष 2020 तक दो समर्पित फ्रेट (Freight) कॉरीडोर का संचालन शुरू होने की भी संभावना है।

रिपोर्ट के प्रमुख निष्कर्ष

  • रेल, माल (Freight) और यात्रियों के परिवहन हेतु सबसे अधिक ऊर्जा कुशल (Energy Efficient) माध्यमों में से एक है। जहाँ एक तरफ यह क्षेत्र दुनिया के यात्रियों का 8% और वैश्विक माल परिवहन का 7% वहन करता है वहीं, कुल परिवहन ऊर्जा मांग में इसकी हिस्सेदारी केवल 2% है।

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  • वर्तमान में तीन-चौथाई यात्री रेल परिवहन की गतिविधियाँ इलेक्ट्रिक ट्रेनों के माध्यम से होती है, जिसमें वर्ष 2000 से अब तक 60% की वृद्धि हुई है। रेल, परिवहन का एकमात्र साधन है जो वर्तमान में व्यापक रूप से विद्युतीकृत है। बिजली पर निर्भरता का मतलब है कि रेल क्षेत्र परिवहन का सबसे अधिक ऊर्जा विविधता वाला साधन है।

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  • इलेक्ट्रिक ट्रेन की अधिकतम गतिविधि वाले क्षेत्र यूरोप, जापान और रूस हैं, जबकि उत्तर और दक्षिण अमेरिका अभी भी डीज़ल पर बहुत अधिक निर्भर हैं।
  • लगभग सभी क्षेत्रों में यात्री रेल, माल ढुलाई रेल की तुलना में अधिक विद्युतीकृत हैं।

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आगे की राह

  • विकासशील और उभरती अर्थव्यवस्थाओं में बढ़ती आय और आबादी के कारण तेज़ी से शहरीकरण हो रहा है। ये देश अधिक कुशल, तेज़ तथा स्वच्छ परिवहन की मज़बूत मांग का नेतृत्व करने के लिये तैयार तो हैं, लेकिन गति और सुगमता की आवश्यकता के चलते कार स्वामित्व और हवाई यात्रा के पक्ष में भी हैं।
  • भारत सहित सभी देशों में रेल क्षेत्र के भविष्य का निर्धारण इस बात से होगा कि ये परिवहन की बढ़ती मांग और प्रतिस्पर्द्धी परिवहन साधनों के बढ़ते दबाव दोनों पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA)

  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) एक स्वायत्त संगठन है, जो अपने 30 सदस्य देशों, 8 सहयोगी देशों और अन्य दूसरों के लिये विश्वसनीय, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने हेतु काम करती है।
  • इसकी स्थापना (1974 में) 1973 के तेल संकट के बाद हुई थी जब ओपेक कार्टेल ने तेल की कीमतों में भारी वृद्धि के साथ दुनिया को चौंका दिया था।
  • भारत 2017 में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का एक सहयोगी सदस्य बना।
  • इसका मुख्यालय पेरिस (फ्राँस) में है।

स्रोत : अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट


Rapid Fire करेंट अफेयर्स (31 January)

  • सिक्किम में पहली स्वदेश दर्शन योजना की शुरुआत हुई। केंद्रीय पर्यटन मंत्री के.जे. अल्फोंस ने गंगटोक में पूर्वोत्तर सर्किट विकासः रंगपो-रोराथंग-अरितार-फड़मचेन-नाथांग-शेराथांग-त्सोंगमो-गंगटोक-फोदोंग-मंगन-लाचुंग-यमथांग-लाचेन-थांगु-गुरुडोंगमर-मंगन-गंगटोक-तुमिनलिंगी-सिंगटम परियोजना का उद्घाटन किया। स्वदेश दर्शन योजना के अंतर्गत लागू इस परियोजना को मंत्रालय ने 98.05 करोड़ रुपये की लागत से जून, 2015 में मंज़ूरी दी थी। इस योजना के अंतर्गत केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय ने पर्यटन हेतु बुनियादी ढाँचा सुविधाएँ, जैसे-पर्यटन सूचना केंद्र, ध्यान केंद्र, ऑर्गेनिक इको पर्यटन केंद्र, लॉग हट, जिप लाइन, फूलों के लिये प्रदर्शनी केंद्र, उद्यान पथ, स्मारिका दुकानें, कैफेटेरिया, बारिश से बचने की जगह, सड़क के किनारे सुविधाएँ, अंतिम मील तक संपर्क पार्किंग, सार्वजनिक शौचालय आदि विकसित किये हैं।
  • गोवा के डाबोलिम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर देश का पहला जियोग्राफिक इंडिकेशन (GI) स्टॉल खोला गया है। इसका उद्घाटन करते हुए नागर विमानन मंत्री सुरेश प्रभु ने देश के प्रत्येक हवाई अड्डे पर स्थानीय उत्पादों और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिये ऐसे GI स्टॉल खोलने की बात कही। हवाई अड्डे पर स्थापित किये जा रहे ये GI स्टॉल कारीगरों और हस्तशिल्प द्वारा बनाए गए स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देंगे, जिससे स्थानीय प्रतिभा और विनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा। गोवा में GI स्टॉल पर काजू और संबंधित उत्पादों की बिक्री होगी। कुछ भौगोलिक क्षेत्रों में ऐसी विशेषता पाई जाती है, जो अन्य क्षेत्रों में नहीं होती और किसी क्षेत्र की ऐसी विशेषता को कुछ निश्चित शर्तें पूरा करने के बाद GI टैग दिया जाता है।
  • महात्मा गांधी की 71वीं पुण्यतिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नमक सत्याग्रह स्मारक राष्ट्र को समर्पित किया। गुजरात में नवसारी ज़िले के दांडी में स्थित राष्ट्रीय नमक सत्याग्रह स्मारक में महात्मा गांधी और ऐतिहासिक दांडी नमक यात्रा के 80 सत्याग्रहियों की मूर्तियाँ हैं। दांडी नमक यात्रा को दांडी मार्च भी कहा जाता है। स्मारक में 24 चित्र भी हैं जो 1930 के ऐतिहासिक दांडी मार्च की विभिन्न घटनाओं और कहानियों को चित्रित करते हैं। अंग्रेज़ों के नमक कानून का विरोध करते हुए महात्मा गांधी ने अहमदाबाद में साबरमती आश्रम से तटीय गाँव दांडी तक पदयात्रा की थी।
  • उत्तराखंड में पहला ट्यूलिप गार्डन बनाने के लिये केंद्र सरकार ने मंज़ूरी दे दी है। राज्य का यह पहला ट्यूलिप गार्डन पिथौरागढ़ ज़िले में बनाया जाएगा । प्रस्तावित ट्यूलिप गार्डन चंडक पर्वतीय शिखर के पास 50 हेक्टेयर से अधिक वन भूमि पर ONGC द्वारा कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व के तहत विकसित किया जाएगा। अभी देश का एकमात्र ट्यूलिप गार्डन जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में है। उत्तराखंड में बनने वाला यह देश का दूसरा ट्यूलिप गार्डन होगा और इसका आकार श्रीनगर के गार्डन से बड़ा होगा। चंडक पर्वत शिखर के पास माड गाँव में बनने वाले इस गार्डन पर 50 करोड रुपए की लागत आएगी। इस स्थान का चयन राज्य सरकार की '13 ज़िले-13 नए पयर्टक स्थल' योजना के तहत किया गया है, जिससे ज़िले में पर्यटन की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकेगा।
  • CISCO द्वारा हाल ही में जारी GDPR रेडीनेस इंडेक्स, 2019 में भारत को छठा स्थान मिला है। GDPR का आशय जनरल डेटा प्रोटेक्शन रेग्युलेशन से है। आपको बता दें कि GDPR नियम यूरोपीय संघ ने 2016 में बनाए थे, जिनमें 2018 में संशोधन किया गया। इन नियमों ने यूरोपीय संघ के 1995 के डेटा प्रोटेक्शन डायरेक्टिव रेग्युलेशन का स्थान लिया था। इन नियमों में राइट टू बी फॉरगॉटन, राइट टू डाटा पोर्टेबिलिटी और राइट को-ऑब्जेट टू प्रोफाइलिंग भी शामिल है। डेटा प्रोसेस करने के लिये यूज़र की सहमति स्वतंत्र रूप से ली जाएगी। जो कंपनियाँ उच्च जोखिम और हाई वॉल्यूम डाटा में नियमित रूप से डील करती हैं उन्हें अनिवार्य रूप से डेटा प्रोटेक्शन ऑफिसर नियुक्त करना होगा। यूरोपीय संघ के किसी भी व्यक्ति का डेटा प्रोसेस करने वाले को इन नियमों का पालन करना होता है।
  • मध्य प्रदेश में शहरी क्षेत्र के गरीब युवाओं को अस्थायी रोज़गार देने के लिये युवा स्वाभिमान योजना लागू की जा रही है। इसके तहत शहरी क्षेत्र के गरीब युवाओं को एक साल में 100 दिन का रोज़गार उपलब्ध कराया जाएगा। रोज़गार के दौरान युवाओं को उनके पसंद के क्षेत्र में कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • केरल सरकार ने प्रवासी लाभांश पेंशन योजना शुरू की है। यह योजना केरल सरकार द्वारा प्रवासी मलयालियों के कल्याणकारी उपायों के तहत शुरू की गई है। योजना के तहत NRI केरलवासियों को 5 लाख रुपए का वन टाइम पेमेंट करने पर नियमित पेंशन प्रदान की जाएगी। यह आजीवन भुगतान बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं के वित्तपोषण के लिये केरल इन्फ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट फंड बोर्ड (KIIFB) में निवेश किया जाएगा।
  • ओडिशा ने राज्य के विशेष रूप से कमज़ोर आदिवासी समूहों के बीच राज्य सरकार की विकास और कल्याणकारी पहलों के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये यूनिसेफ इंडिया के साथ साझेदारी में जीवन संपर्क योजना शुरू की है। कौशल विकास, समुदायों का सशक्तीकरण और विभिन्न समूहों के बीच सहयोग कायम करना इसके प्रमुख उद्देर्श्यों में शामिल है।
  • पूनम खेत्रपाल सिंह को दोबारा पाँच और वर्षों के लिये विश्व स्वास्थ्य संगठन का क्षेत्रीय निदेशक (दक्षिण-पूर्व एशिया) नियुक्त किया गया है। WHO के कार्यकारी बोर्ड ने सर्वसम्मति से उनके नाम का समर्थन किया और क्षेत्र के 11 सदस्य देशों ने और पाँच वर्षो के लिये उन्हें सर्वसम्मति से नामित किया। गौरतलब है कि उनका निर्वाचन पिछले वर्ष सितंबर में WHO के दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय समिति की बैठक में हुआ था।
  • प्रसिद्ध हिंदी लेखिका चित्रा मुद्गल सहित 24 लेखकों को साहित्य अकादमी सम्मान 2018 से नवाज़ा गया। यह सम्मान 24 विभिन्न भाषाओं में दिया गया। चित्रा मुद्गल को यह सम्मान उनके उपन्यास ‘पोस्ट बॉक्स नंबर 203-नाला सोपारा' के लिये दिया गया है। उनके अब तक लगभग 13 कहानी संग्रह, 3 उपन्यास, 3 बाल उपन्यास, 4 बाल कथा संग्रह, 5 संपादित पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। बहुचर्चित उपन्यास 'आवां' के लिये उन्हें व्यास सम्मान से भी नवाज़ा जा चुका है।
  • केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल को कारनोट पुरस्कार 2018 से सम्मानित किया गया है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया स्कूल ऑफ डिज़ाइन के क्लीनमैन सेंटर फॉर एनर्जी पॉलिसी ने ऊर्जा मंत्री के नाते इस क्षेत्र में योगदान के लिये उन्हें चौथा वार्षिक कॉरनोट पुरस्कार प्रदान किया। पीयूष गोयल ने कॉरनोट पुरस्कार से मिली 25 हज़ार डॉलर (करीब 18 लाख रुपए) की राशि अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन को दान कर दी है। इस राशि से विशिष्ट ज़रूरतों वाले बच्चों के लिये काम करने वाले संगठनों तथा सौर ऊर्जा का अधिकतम इस्तेमाल संभव बनाने वाले संगठनों को पुरस्कार देने की शुरुआत की जाएगी।
  • सुमन कुमारी पाकिस्तान के इतिहास में अब तक की पहली हिंदू महिला सिविल जज नियुक्त हुई हैं। वह पाकिस्तान के कम्बर शहादकोट क्षेत्र की रहने वाली हैं और उन्हें अपने ही पैतृक ज़िले में सेवा का मौका दिया गया है। सुमन कुमारी ने L.LB. की परीक्षा हैदराबाद से पास की है और लॉ में मास्टर्स डिग्री कराची के सैयद जुल्फिकार अली भुट्टो विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान से ली है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में लगभग 2 प्रतिशत हिंदू हैं और इस्लाम के बाद यह वहाँ का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है।