डेली न्यूज़ (21 Jan, 2019)



हंपबैक डॉल्फिन

चर्चा में क्यों?


हाल ही में महाराष्ट्र के बांद्रा-वर्ली समुद्री लिंक (Bandra-Worli sea link) पर हंपबैक डॉल्फ़िन (Humpback Dolphins) के एक समूह को देखा गया। आमतौर पर ये डॉल्फिन महाराष्ट्र के रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग ज़िलों के तट पर दिखाई देती हैं।

  • पिछले कुछ समय में मुंबई तट के पास डॉल्फ़िन दिखाई देने की घटनाओं में वृद्धि हुई है। पिछले साल, मुंबई के पश्चिमी तट पर वर्सोवा (Versova) और मध जेट्टी (Madh Jetty) के बीच एक हंपबैक डॉल्फिन के देखे जाने की घटना चर्चा में थी।
  • कुछ समय पूर्व, ससून डॉक्स (Sassoon Docks) के पास भी हिंद महासागरीय हंपबैक डॉल्फ़िन (Indian Ocean Humpback Dolphin) के एक समूह को देखा गया था।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • ये डॉल्फ़िन आमतौर पर उथले, तटीय जल में रहती हैं।
  • हंपबैक डॉल्फ़िन पश्चिम और पूर्वी अफ्रीका, भारत, दक्षिण-पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया के आस-पास के महासागरों में पाई जाती हैं। ये अधिकांशतः भूरे रंग की होती हैं।
  • युवावस्था में ये काले या गहरे भूरे रंग की होती हैं और फिर जैसे-जैसे इनकी उम्र बढ़ती जाती है इनका रंग हल्का भूरा होता जाता है।
  • हंपबैक डॉल्फ़िन मध्यम से छोटे आकार की डॉल्फ़िन होती हैं। ये स्तनधारी जीव हैं तथा सांस लेने के लिये पानी की सतह पर आती हैं।
  • अन्य डॉल्फिन की तरह ये भी बुद्धिमान जानवर हैं जो आम तौर पर समूहों में रहती हैं।
  • डॉल्फिन विलुप्तप्राय प्रजातियाँ हैं, जिन्हें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची-I (Schedule I of the Wildlife Protection Act, 1972) के तहत संरक्षण प्राप्त है।

हंपबैक डॉल्फिन प्रजातियाँ

साधारण नाम वैज्ञानिक नाम निवास स्थिति
इंडो-पैसिफिक हंपबैक डॉल्फिन या चाइनीज़ व्हाइट डॉल्फिन सौसा चिनेंसिस
(Sousa chinensis)
पूर्वी हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर सुभेद्य (ताइवान की व्हाइट डॉल्फिन को गंभीर रूप से विलुप्तप्राय की श्रेणी में रखा गया है)
अटलांटिक हंपबैक डॉल्फिन सौसा तयूस्ज़ी
(Sousa teuszii)
पूर्वी अटलांटिक में पश्चिमी अफ्रीका के तट पर गंभीर रूप से विलुप्तप्राय (critically endangered)
हिंद महासागरीय हंपबैक डॉल्फिन सौसा प्लूम्बा
(Sousa plumbea)
पश्चिमी और मध्य हिंद महासागर विलुप्तप्राय (endangered)
ऑस्ट्रेलियाई हंपबैक डॉल्फिन सौसा साहुलेंसिस
(Sousa sahulensis)
उत्तरी ऑस्ट्रेलिया और दक्षिणी न्यू गिनी सुभेद्य (vulnerable)

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972

  • भारत सरकार ने देश के वन्य जीवन की रक्षा करने और प्रभावी ढंग से अवैध शिकार, तस्करी एवं वन्य जीवन तथा उनके व्युत्प्न्न के अवैध व्यापार को नियंत्रित करने के उद्देश्य से वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 लागू किया।
  • इस अधिनियम में जनवरी 2003 में संशोधन किया गया तथा इस कानून के तहत अपराधों के लिये दी जाने वाली सज़ा और ज़ुर्माने को पहले की तुलना में अधिक कठोर बना दिया गया।
  • इसका उद्देश्य सूचीबद्ध लुप्तप्राय वनस्पतियों और जीवों तथा पर्यावरण की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण संरक्षित क्षेत्रों को सुरक्षा प्रदान करना है।

स्रोत : इंडियन एक्सप्रेस


इनसाइडर ट्रेडिंग पर नियंत्रण

चर्चा में क्यों?


हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India-SEBI) ने आंतरिक सूचना के आदान-प्रदान पर नियंत्रण के लिये मानदंड निर्धारित किये हैं।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • इन मानदंडों में सेबी द्वारा ऐसी कंपनी के संचालकों (Promoters) को संदर्भित किया गया है, जो अपनी कंपनी के ‘वैध उद्देश्य’ (Legitimate Purpose) एवं संवेदनशील जानकारी को छुपाते है या अप्रकाशित रखते हैं, ऐसे लोग इनसाइडर ट्रेडिंग मानदंडों के उल्लंघन के दोषी होते हैं।
  • एक संचालक (Promoter) जो आधिकारिक रूप में सलाहकार नहीं है या बोर्ड में कोई पद धारण नहीं करता है, उसे UPSI (Unpublished Price Sensitive Information) धारण करने के लिये ‘वैध उद्देश्य’ रखने वाला व्यक्ति नहीं माना जाएगा।
  • सेबी का निदेशक मंडल यह सुनिश्चित करेगा कि मामले के आधार पर एक संरचित डिजिटल डेटाबेस को किन व्यक्तियों या संस्थाओं के नाम से बनाए रखना है या किनके साथ जानकारी साझा करनी है।
  • सेबी का निर्णय टी. के. विश्वनाथन समिति की सिफारिशों के ‘निष्पक्ष बाज़ार आचरण’ (fair market conduct) पर आधारित है।

इनसाइडर ट्रेडिंग

  • इसका तात्पर्य सार्वजनिक रूप से कारोबार करने वाली कंपनी की प्रतिभूतियों की अंदरूनी जानकारी, जो अभी तक सार्वजनिक नहीं हुई है, का उपयोग कर उन्हें खरीदने या बेचने से है।
  • आतंरिक जानकारी किसी भी ऐसी जानकारी को संदर्भित करती है जिसके परिणामस्वरूप इस संदर्भ में कि किस प्रतिभूति को खरीदना या बेचना है, एक निवेशक का निर्णय पर्याप्त प्रभावित हो सकता है।

♦ उदाहरण के लिये - एक सरकारी कर्मचारी नए पारित होने वाले विनियमन के बारे में अपने ज्ञान के आधार पर काम करता है और विनियमन की जानकारी सार्वजनिक होने से कंपनी के शेयरों को खरीदकर और किसी अन्य कंपनी या फर्म को लाभान्वित कर सकता है।


कॉर्पोरेट प्रशासन

  • कॉर्पोरेट प्रशासन वह प्रणाली है जिसके द्वारा कंपनियों का प्रबंधन और नियंत्रण किया जाता है। इसमें प्रणालियों, प्रक्रियाओं और सिद्धांतों का एक सेट अथवा प्रारूप शामिल होता है जो यह सुनिश्चित करता है कि एक कंपनी अपने हितधारकों के सर्वोत्तम हित के साथ कार्य करे।
  • ‘अच्छा कॉर्पोरेट प्रशासन’ सुनिश्चित करता है -

♦ कॉर्पोरेट उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिये पर्याप्त जानकारियों का खुलासा एवं प्रभावी निर्णय।
♦ व्यापारिक लेन-देन में पारदर्शिता।
♦ वैधानिक और कानूनी अनुपालन।
♦ शेयरधारक के हितों की सुरक्षा।
♦ मूल्यों और व्यवसाय के नैतिक आचरण के लिये प्रतिबद्धता।

  • हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund-IMF) द्वारा प्रकाशित ग्लोबल फाइनेंशियल स्टेबिलिटी रिपोर्ट (Global Financial Stability report) यह दर्शाती है कि उभरते बाज़ारों में कॉर्पोरेट प्रशासन के मानदंडों में सुधार हुआ है, लेकिन 2006-2014 के बीच भारत के संदर्भ में इसमें गिरावट दर्ज की गई है।
  • कॉर्पोरेट प्रशासन में सुधार के लिये हालिया पहल –

कोटक पैनल की रिपोर्ट

  • उदय कोटक की अध्यक्षता में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा गठित पैनल ने कंपनियों के कॉर्पोरेट प्रशासन मानकों में सुधार के लिये कई बदलावों हेतु सुझाव दिये हैं।
  • बोर्ड के अध्यक्ष कंपनी के प्रबंध निदेशक/सीईओ नहीं हो सकते।
  • बोर्ड में न्यूनतम छह निदेशक होने चाहिये। जिसमें 50% स्वतंत्र निदेशक में से कम-से-कम एक महिला स्वतंत्र निदेशक होनी चाहिये।
  • स्वतंत्र निदेशकों के लिये न्यूनतम योग्यता और उनके प्रासंगिक कौशल की सार्वजनिक जानकारी को सुनिश्चित करना।
  • कंपनी और उसके प्रमोटरों के बीच जानकारी साझा करने के लिये एक औपचारिक चैनल का निर्माण करना।
  • सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को सूचीबद्ध विनियमन द्वारा नियंत्रित किया जाना चाहिये, न कि नोडल मंत्रालयों द्वारा।
  • यदि किसी भी लेखा परीक्षण में कोई त्रुटि पाई जाती है तो ऑडिटर्स को दंडित किया जाना चाहिये।
  • सेबी के पास ‘व्हिसिल ब्लोअर’ (Whistle Blowers) को प्रतिरक्षा प्रदान करने की शक्ति होनी चाहिये। कंपनियों को वार्षिक रिपोर्ट में माध्यम से दीर्घकालिक व्यापार रणनीति का खुलासा करना चाहिये।

‘उचित बाज़ार आचरण’ पर गठित टी. के. विश्वनाथन समिति द्वारा अगस्त, 2018 में प्रस्तुत अपनी रिपोर्ट में निम्नलिखित सिफारिशें की गई :

  • इनसाइडर ट्रेडिंग पर कई सिफारिशों के बीच, दो अलग-अलग आचार संहिता का निर्माण हुआ है।

♦ सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा आतंरिक जानकारी लीक होने की समस्या से निपटने के लिये न्यूनतम मानक।
♦ मूल्य-संवेदनशील जानकारी से सम्बद्ध बाज़ार, मध्यस्थों और अन्य के लिये मानक।

  • कंपनियों को नामित व्यक्तियों के ऐसे रिश्तेदारों का विवरण रखना चाहिये जिनके साथ वह कंपनी की संवेदनशील जानकारी या वित्तीय लेन-देन संबंधी जानकारी को साझा कर सकता है।
  • ऐसी सभी जानकारियों को कंपनी द्वारा इलेक्ट्रॉनिक प्रारूप में सुरक्षित रखा जा सकता है, और इन्हें किसी भी मामले से संबंधित जानकारी प्राप्त करने के लिये सेबी के साथ भी साझा किया जा सकता है।
  • समिति ने टेलीफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक संचार उपकरणों को टैप करने के लिये सेबी को प्रत्यक्ष अधिकार देने की सिफारिश की है, जिससे यह इनसाइडर ट्रेडिंग और अन्य धोखाधड़ी की जाँच कर सके।
  • वर्तमान में सेबी को केवल मोबाइल या टेलीफोन नंबर और कॉल अवधि सहित कॉल रिकॉर्ड मांगने का ही अधिकार है।

स्रोत – इंडियन एक्स्प्रेस


डिजिटल हब में बदलते रेलवे स्टेशन

चर्चा में क्यों?


पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में सैकड़ों रेलवे प्लेटफॉर्म पर वाई-फाई की सुविधा प्रदान की गई। डिजिटल समावेशन हेतु रेलवे स्टेशनों को एक डिजिटल हब प्लेटफॉर्म में बदलने के लिये प्रदान की गई उच्च गति वाली इंटरनेट सेवा अभूतपूर्व रही है।


प्रमुख बिंदु

  • आँकड़ों की मानें तो एक महीने में लगभग 2.6 करोड़ उपयोगकर्त्ता लॉगिन करते हैं और कुल डेटा खपत 9,491 टेरा बाइट्स (TB) है।
  • भारत अब देश भर के 746 रेलवे स्टेशनों पर रेलवायर वाई-फाई जो कि दुनिया के सबसे बड़े सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क में से एक है, के रूप में उभरा है।
  • रेल मंत्रालय के तहत रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड द्वारा प्रदान किया गया वाई-फाई नेटवर्क सबसे बड़ा होने के साथ ही सबसे तेज़ भी है।
  • किसी आधुनिक और वाई-फाई से युक्त हैंडसेट में शुरुआती 30 मिनट तक इंटरनेट की गति 40 एमबीपीएस तक प्राप्त की जा सकती है, जो किसी अन्य नेटवर्क की तुलना में कहीं ज़्यादा है।
  • रेलटेल की रिटेल ब्रॉडबैंड पहल, रेलवायर के तहत यात्रियों को मुफ्त वाई-फाई सेवाएँ प्रदान की जा रही हैं।
  • 746 रेलवे स्टेशनों पर रेलटेल ने गूगल (प्रौद्योगिकी भागीदार के रूप में) के साथ मिलकर देश भर में 414 A, A1 और C श्रेणी के रेलवे स्टेशनों पर हाई-स्पीड वाई-फाई सुविधा प्रदान की है।
  • 1,000 से अधिक हॉटस्पॉट के साथ मुंबई वाई-फाई को सबसे बड़े सार्वजनिक वाई-फाई सेवा के रूप में सूचीबद्ध किया गया है और सबसे बड़ा सार्वजनिक वाई-फाई क्षेत्र पटना के अशोक राजपथ से दानापुर रेलवे स्टेशन के बीच 20 किमी. तक फैला हुआ है।

क्या है रेलटेल?

railtel

  • रेलटेल कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया लिमिटेड 'मिनी रत्न (श्रेणी-I) ‘सार्वजनिक उपक्रम’ देश के सबसे बड़े न्यूट्रल दूरसंचार इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदाताओं में से एक है।
  • रेलटेल के पास पूरे भारत में रेलवे ट्रैक के साथ ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क है। रेलटेल का OFC (Optical Fiber Cable) नेटवर्क भारत के सभी महत्त्वपूर्ण शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रो में उपस्थित है और देश की 70% आबादी को कवर करता है।
  • मज़बूत राष्ट्रव्यापी उपस्थिति के साथ रेलटेल अत्याधुनिक तकनीक लाने और भारतीय दूरसंचार हेतु नवीन सेवाओं की पेशकश करने के लिये प्रतिबद्ध है।
  • रेलटेल, रेल संचालन और प्रशासन नेटवर्क प्रणाली के आधुनिकीकरण के अलावा देश के सभी भागों में राष्ट्रव्यापी ब्रॉडबैंड दूरसंचार और मल्टीमीडिया नेटवर्क प्रदान करने में भी सबसे आगे है।

रेलवायर क्या है?

railwire

  • रेलटेल रेलवायर मंच के माध्यम से आम जनता के लिये ब्रॉडबैंड और एप्लीकेशन सेवाएँ प्रदान करता है।
  • रेलवायर ‘आम जनता के लिये इंटरनेट, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं’ और ‘आम जनता के लिये आईसीटी’ उपलब्ध करवाने के लिये एक मिशन के साथ, रेलटेल की ब्रॉडबैंड पहल है।
  • रेलटेल द्वारा (उनके लास्ट माईल का उपयोग करके, स्थानीय केबल ऑपरेटरों और नेटवर्क प्रदाताओं के सहयोग से) दूरदराज के क्षेत्रों सहित जनता के लिये ब्रॉडबैंड और आवेदन सेवाओं के विस्तार की परिकल्पना की गई।
  • रेलवायर रेलटेल के बुनियादी ढाँचे और अखिल भारतीय उपस्थिति का लाभ उठाता है। रेलवायर का उद्देश्य खुदरा क्षेत्र, शिक्षा क्षेत्र, स्वास्थ्य और आध्यात्मिक जीवन शैली में मूल्य वर्द्धित सेवाएँ प्रदान करना है।
  • रेलवायर ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाओं पर केंद्रित है। रेलवायर कम कीमत में ब्रॉडबैंड और वीपीएन सेवाएँ प्रदान करता है।
  • रेलवायर का उद्देश्य स्थानीय जानकारी का एक केंद्र और आम जनता के लिये संचार, सूचना एवं मनोरंजन, शिक्षा, स्वास्थ्य तथा सामुदायिक सेवा प्रदान करने के लिये एक मंच बनाना है।

स्रोत- द हिंदू


ऑक्सफेम रिपोर्ट

चर्चा में क्यों?


हाल ही में ‘ऑक्सफेम’ द्वारा जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार अमीरों और गरीबों के बीच भारी असमानता पाई गई, भारत के 1% सबसे अमीर लोगों की आर्थिक वृद्धि दर 2018 में 33% जबकि अन्य निचले स्तर की आधी आबादी की आर्थिक आय में सिर्फ 3 फीसदी की ही बढ़ोतरी देखी गई।


महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • अंतर्राष्ट्रीय अधिकार समूह (International Rights Group) के वार्षिक अध्ययन के अनुसार, वैश्विक स्तर पर 2018 में अरबपतियों की आय में एक दिन में 12 प्रतिशत या 2.5 बिलियन डॉलर की वृद्धि हुई, जबकि दुनिया की सबसे गरीब आधी आबादी ने अपने धन में 11 प्रतिशत की गिरावट देखी।
  • इसके अनुसार लगभग 13.6 करोड़ भारतीय, जो देश के सबसे गरीब 10 प्रतिशत क्षेत्र के अंतर्गत आते हैं, 2004 से लगातार कर्ज़ में हैं।
  • यह रिपोर्ट पाँच दिवसीय विश्व आर्थिक मंच (World Economic Forum-WEF) की वार्षिक बैठक के शुरू होने से पहले जारी की गई।
  • दावोस में वैश्विक राजनीतिज्ञों और व्यापारिक नेताओं का वार्षिक सम्मलेन आयोजित हुआ जिसमें बढ़ते अमीरी-गरीबी द्वारा उत्पन्न सामाजिक विभाजन से निपटने हेतु चर्चा की गई, ऑक्सफेम ने भी इस बढ़ती असमानता (अमीरी-गरीबी) पर चिंता जाहिर की है।
  • ऑक्सफेम ने बताया कि यह बढ़ती असमानता ही गरीबी के खिलाफ किये गए प्रयासों को असफल कर रही है, अर्थव्यवस्थाओं को नुकसान पहुँचा रही है। जिसकी वज़ह से वैश्विक स्तर पर लोगों में रोष बढ़ रहा है।
  • WEF शिखर सम्मेलन में यह बात भी सामने आई कि यह असमानता अनैतिक है क्योंकि कुछ अमीर लोग ही बढ़ते भारतीय धन की हिस्सेदारी में शामिल हैं, जबकि गरीब लोग अपने भोजन, वस्त्र एवं दवाइयों जैसी मूलभूत जरूरतों को ही पूरा नहीं कर पाते हैं।
  • इसमें यह भी स्पष्ट किया गया कि यदि ऐसी ही असमानता भारत के शीर्ष 1 प्रतिशत अमीरों और बाकी बचे सामान्य लोगों के बीच जारी रहती है तो इससे देश की सामाजिक और लोकतांत्रिक संरचना समाप्त हो जाएगी।
  • रिपोर्ट में पाया गया कि अमेज़न के संस्थापक ‘जेफ बेजोस’ (दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति) की आय में 112 बिलियन अमेरिकी डॉलर की वृद्धि दर्ज की गई, जबकि इसका मात्र 1 प्रतिशत हिस्सा इथियोपिया की सम्पूर्ण आबादी यानी 115 मिलियन लोगों के स्वास्थ्य बजट के बराबर है।
  • भारत की शीर्ष 10 प्रतिशत आबादी के पास कुल राष्ट्रीय धन का 77.4 प्रतिशत हिस्सा है। जबकि शीर्ष 1 प्रतिशत लोगों के पास 51.53 प्रतिशत हिस्सा है।
  • लगभग 60% से निम्न आय वर्ग आबादी के पास राष्ट्रीय संपत्ति का केवल 4.8 प्रतिशत ही है, जबकि शीर्ष 9 अरबपतियों का धन निम्न स्तरीय 50 प्रतिशत आबादी के धन के बराबर है। धन की यह असमानता लोकतंत्र को प्रभावित करती है।

भारतीय असमानता का प्रारूप

  • ऑक्सफेम ने कहा कि 2018-2022 के बीच भारत में हर दिन 70 नए करोड़पति बनने का अनुमान है।
  • सर्वेक्षण में यह बात स्पष्ट रूप से सामने आई कि कैसे सरकारें सार्वजनिक सेवाओं, जैसे कि स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के क्षेत्र में असमानता को बढ़ा रही हैं, वहीं एक ओर जहाँ निगमों और अमीरों पर कर लगा रही हैं, और दूसरी ओर कर चोरी पर रोक लगाने में असफल हो रही हैं।
  • इस बढ़ती आर्थिक असमानता से महिलाएँ और लड़कियाँ सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं। लाखों लड़कियाँ अच्छी एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से वंचित हो जाती हैं तथा महिलाएँ मातृत्व देखभाल की कमी के चलते मर जाती हैं।
  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत में पिछले साल के 18 नए अरबपतियों को मिलाकर अब इनकी संख्या 119 हो गई, जबकि उनकी संपत्ति ने पहली बार 400 बिलियन डॉलर (28 लाख करोड़ रुपए) का आंकड़ा पार कर लिया।
  • यह 2017 में $ 325.5 बिलियन से बढ़कर 2018 में $ 440.1 बिलियन हो गया, जो 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के बाद से सबसे बड़ी वार्षिक वृद्धि है।

स्रोत – द हिंदू


वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक 2018

चर्चा में क्यों?


अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (International Energy Agency-IEA) द्वारा जारी वर्ल्ड एनर्जी आउटलुक 2018 रिपोर्ट में 2040 तक वैश्विक ऊर्जा उद्योग हेतु महत्त्वपूर्ण विचारों पर प्रकाश डाला गया है, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा की बढ़ती मांग और जीवाश्म ईंधन संबंधी चिंताएँ भी शामिल हैं।

महत्त्वपूर्ण बिंदु

  • यह रिपोर्ट बढ़ती अनिश्चितताओं के दौर में बदलते वैश्विक ऊर्जा प्रणाली के भविष्य के पैटर्न की जाँच करती है और इस बात का खुलासा करती है कि बढ़ते विद्युतीकरण से लेकर ऊर्जा के नवीकरण, तेल उत्पादन में वृद्धि और प्राकृतिक गैस के वैश्वीकरण तक ऊर्जा क्षेत्र हेतु बड़े परिवर्तन चल रहे हैं।

प्रमुख निष्कर्ष

  • मुख्य ध्यान

♦ इस रिपोर्ट के 2018 संस्करण का विशेष ध्यान बिजली पर है। हल्के औद्योगिक क्षेत्रों, सेवा क्षेत्र और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे आर्थिक क्षेत्रों में बिजली पसंद का ‘ईंधन’ बनती जा रही है।
♦ वैश्विक ऊर्जा उपयोग में बिजली का हिस्सा बढ़ रहा है, जबकि कम कार्बन प्रौद्योगिकियों का उदय बिजली के उत्पादन के तरीके में एक बड़े परिवर्तन को प्रेरित कर रहा है।

  • ऊर्जा

♦ ऊर्जा की मांग

♦ लोगों की बढ़ती हुई आय और 1.7 बिलियन से अधिक लोगों की आबादी, जिनकी वृद्धि अधिकांश विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में शहरी क्षेत्रों में हुई है, 2040 तक वैश्विक ऊर्जा मांग में एक-चौथाई की वृद्धि कर देंगी।
♦ मांग में वृद्धि विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में हुई जिनमें सबसे आगे भारत है।
♦ 2000 में, यूरोप और उत्तरी अमेरिका वैश्विक ऊर्जा मांग के 40% से अधिक के लिये ज़िम्मेदार थे, जबकि विकासशील एशियाई अर्थव्यवस्थाएँ केवल 20% ऊर्जा ही खपत कर रही थीं। 2040 तक यह स्थिति पूरी तरह से बदल जाएगी।

  • उत्पादन

♦ पंद्रह साल पहले यूरोपीय कंपनियाँ दुनिया की शीर्ष बिजली कंपनियों की सूची में हावी थीं किंतु अब शीर्ष दस बिजली कंपनियों में से छह चीनी हैं, अर्थात् 2040 तक एशिया का वर्चस्व हो जाएगा।

  • जीवाश्म ईंधन

♦ दो साल की गिरावट के बाद 2017 में कोयले का इस्तेमाल अपनी पुरानी स्थिति में आ गया लेकिन कोयला आधारित नए बिजली संयंत्रों में निवेश हाल के वर्षों में देखे गए स्तर से काफी नीचे था।
♦ 2030 में कोयले से आगे निकलते हुए प्राकृतिक गैस वैश्विक ऊर्जा मिश्रण में दूसरा सबसे बड़ा ईंधन बन जाएगी।

अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA)

  • अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (IEA) एक स्वायत्त संगठन है, जो अपने 30 सदस्य देशों, 8 सहयोगी देशों और अन्य दूसरों के लिये विश्वसनीय, सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा सुनिश्चित करने हेतु काम करती है।
  • इसकी स्थापना (1974 में) 1973 के तेल संकट के बाद हुई थी जब ओपेक कार्टेल ने तेल की कीमतों में भारी वृद्धि के साथ दुनिया को चौंका दिया था। IEA के मुख्य क्षेत्र हैं-

♦ ऊर्जा सुरक्षा
♦ आर्थिक विकास
♦ पर्यावरण जागरूकता
♦ दुनिया भर से इंगेजमेंट

  • भारत 2017 में अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का एक सहयोगी सदस्य बना।
  • इसका मुख्यालय फ्राँस के पेरिस में है।

स्रोत- अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी की आधिकारिक वेबसाइट


Rapid Fire करेंट अफेयर्स (20-21 जनवरी)

  • बनारस में तीन दिवसीय प्रवासी भारतीय सम्मलेन की शुरुआत हुई। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इसका औपचारिक उद्घाटन किया। 75 देशो से आए लगभग 3000 भर्ती प्रवासी इस सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं। इस सम्मेलन के अलग-अलग सत्रों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी संबोधित करेंगे।
  • भारत सरकार ने नौसेना को और मज़बूत बनाने के लिये गुजरात तथा तमिलनाडु में नौसेना के तीन नए एयर स्क्वाड्रन स्थापित करने का फैसला किया है। साथ ही केरल और अंडमान द्वीपों में डोर्नियर निगरानी स्क्वाड्रन के अतिरिक्त विमानों के संचालन के लिये HAL से विमान जल्दी ही मिलने वाले हैं। नौसेना को मिलने वाले इस डोर्नियर-228 समुद्री निगरानी विमान में उन्नत ‘अत्याधुनिक’ सेंसर और उपकरण के साथ-साथ शीशे का कॉकपिट, आधुनिक निगरानी रडार, ऑप्टिकल सेंसर और नेटवर्किंग सुविधाएँ मौजूद होंगी।
  • इसरो ने चंद्रयान-2 को 25 मार्च-30 अप्रैल के बीच लॉन्च करने की योजना बनाई है। इसरो ने इस वर्ष कुल 32 मिशनों की योजना बनाई है। इनमें गगनयान परियोजना, विद्यार्थियों तक पहुँच कार्यक्रम, इस वर्ष के नियोजित मिशन और विक्रम साराभाई शताब्दी समारोह शामिल हैं। साथ ही इसरो ने पहली बार वैज्ञानिक प्रतिभा को प्रोत्साहित करने और देश में वैज्ञानिकों के पूल को बढ़ाने के लिये युवा वैज्ञानिक कार्यक्रम भी चलाया है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रशासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली की सूचना प्रौद्योगिकी नीति जारी की। वहां उन्होंने सायली में मेडिकल कॉलेज की आधारशिला रखने के अलावा प्रधानमंत्री एम-आरोग्य एप की शुरुआत की। सायली में मेडिकल कॉलेज की स्थापना से दादरा और नागर हवेली, दमन व दीव तथा निकट के क्षेत्रों में मेडिकल सुविधा बेहतर होगी। दोनों केंद्रशासित प्रदेशों के आदिवासी व ग्रामीण इलाकों को इससे लाभ मिलेगा।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुंबई में नेशनल म्यूज़ियम ऑफ इंडियन सिनेमा का उद्घाटन किया। इसका निर्माण लगभग 140 करोड़ रुपए की लागत से गुलशन महल में किया गया है। यहाँ भारतीय सिनेमा के 100 वर्षों का इतिहास संजोया गया है। इस म्यूज़ियम में विज़ुअल और ग्राफिक्स, फिल्म क्लिपिंग जैसे इंटरेक्टिव माध्यम से भारतीय सिनेमा की कहानी सुनाई जाएगी। म्यूज़ियम के एक हिस्से में गांधी गैलरी भी बनाई गई है। जहां महात्मा गांधी और उनके दर्शन पर आधारित फिल्मों की प्रदर्शनी लगी है। इस म्यूजियम में 40 से ज्यादा इंटरेक्टिव गैलरीज़ हैं और यह इमारत करीब 8000 वर्गमीटर में फैली है।
  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूरत के हजीरा में लार्सन एंड टूब्रो (L&T) की होवित्जर तोप निर्माण इकाई का उद्घाटन किया। L&T ने 2017 में भारतीय सेना को K9 वज्र-T 155 मिलिमीटर 'ट्रैक्ड सेल्फ प्रोपेल्ड तोप प्रणालियों की 100 इकाइयों की आपूर्ति करने के लिये 4500 करोड़ रुपए का अनुबंध हासिल किया था। L&T ने इन तोपों के निर्माण के लिये सूरत से करीब 30 किलोमीटर दूर अपने हजीरा स्थित केंद्र में आर्मर्ड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स स्थापित किया है। यह आर्मर्ड सिस्टम्स कॉम्प्लेक्स देश के निजी क्षेत्र के दायरे में आने वाला पहला ऐसा केंद्र है।
  • हाल ही में नागपुर में 4 दिवसीय वर्ल्ड ऑरेंज फेस्टिवल का आयोजन किया गया। संतरों के निर्यात को प्रोत्साहन देने के लिये महाराष्ट्र सरकार और पर्यटन विभाग ने मिलकर इसका आयोजन किया। इसमें कई देशों के कृषि विशेषज्ञों ने हिस्सा लिया। इस अवसर पर कई कार्यशालाएँ भी आयोजित की गईं, जिनमें संतरे की फसल लेने वाले किसानों का मार्गदर्शन किया गया। यह अपनी किस्म का दूसरा ऐसा फेस्टिवल है। पहला वर्ल्ड ऑरेंज फेस्टिवल 2017 में नागपुर में ही आयोजित हुआ था।
  • मानवाधिकारों के लिये समर्पित विश्व के पहले टीवी चैनल की शुरुआत लंदन में हुई। यह वेब-आधारित चैनल यूरोप, लैटिन अमेरिका और मध्य-पूर्व के 20 से अधिक देशों में मानवाधिकार मुद्दों का प्रसारण करेगा। इंटरनेशनल ऑब्जर्वेटरी ऑफ ह्यूमन राइट्स द्वारा चलाए जाने वाले इस चैनल का प्रसारण इंटरैक्टिव प्लेटफॉर्म के ज़रिये देखा जा सकता है और जल्दी ही इसका मोबाइल एप लॉन्च किया जाएगा। गौरतलब है कि हर वर्ष 10 दिसंबर को विश्व मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है।
  • जापान की एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी ने उचिनारा स्पेस सेंटर से एक उपग्रह का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया। इस उपग्रह को ऐप्सिलोन-4 रॉकेट से लॉन्च किया गया। यह उपग्रह अंतरिक्ष में कृत्रिम उल्कापिंडों की बरसात करने के लिये भेजा गया है। यह उपग्रह ऐसे छोटे-छोटे गेंद के आकार वाले पदार्थ को अंतरिक्ष में छोड़ेगा, जो पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करने पर ठीक उसी तरह जल उठेंगे जैसे प्राकृतिक उल्कापिंड।  इसके प्रारंभिक प्रयोग को शूटिंग स्टार्स ऑन डिमांड नाम दिया गया है।
  • सिख समुदाय की धार्मिक पहचान से जुड़ी पगड़ी को लेकर अमेरिका को नीति बदलने के लिये बाध्य करने वाले अमेरिकी भारतवंशी उद्यमी गुरिंदर सिंह खालसा को 2019 का रोजा पार्क ट्रेलब्लेज़र पुरस्कार प्रदान किया गया है। गौरतलब है कि 2007 में उन्हें पगड़ी पहने होने की वज़ह से एक विमान में चढ़ने से रोक दिया गया था। इसके बाद उन्होंने अपनी धार्मिक पहचान को लेकर लगातार अपनी लड़ाई जारी रखी।
  • लिंगायत समुदाय के धर्मगुरु और कर्नाटक स्थित तुमकुरु स्थित सिद्धगंगा मठ के महंत शिवकुमार स्वामी का 111 वर्ष की आयु में निधन।  कर्नाटक में तीन दिन के राजकीय शोक की घोषणा। कर्नाटक में लिंगायत समुदाय की संख्या लगभग 18 फीसद है।  कर्नाटक की राजनीति में सिद्धगंगा मठ और यहाँ के महंत शिवकुमार स्वामी का काफी प्रभाव है।
  • उत्तरी माली में अल्जीरिया की सीमा से लगे एग्यूलहोक में संयुक्त राष्ट्र के एक शिविर पर हुए हमले में चाड के 10 संयुक्त राष्ट्र शांति सैनिकों की मौत हो गई। माली में यूनाइटेड नेशंस मल्टीडायमेंशनल इंटीग्रेटेड स्टेबलाइजेशन मिशन के तहत माली में 13,000 से अधिक शांति सैनिक तैनात हैं। गौरतलब है कि माली सरकार और सशस्त्र समूहों के बीच 2015 में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये गए थे, जिसका लक्ष्य माली में शांति बहाल करना था। लेकिन इसके बावजूद यहाँ शांति स्थापित नहीं हो पाई है।