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खेल क्षेत्र में भारत की अंतर्राष्ट्रीय उपलब्धियाँ

भारत में खेल हमारे जीवन का हिस्सा रहा है क्योंकि प्राचीन समय से ही खेल हमें अनुशासन सिखाता रहा है और हमारे कार्यों में निरंतरता लाता है, यह सबसे अच्छे मनोरंजनों में से एक है। खेल हमारी एकाग्रता के स्तर को बढ़ाता है और हमारे मस्तिष्क को सकारात्मकता से भरता है।

भारतीय खेलों में बहुत रुचि रखते हैं और देश को पदक और गौरव दिलाने के लिये कड़ी मेहनत कर रहे हैं। आजकल ग्रामीण लोगों को भी अवसर मिल रहे हैं और वे खेल के महत्व को चिह्नित करने के लिए अपने विशिष्ट खेल क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहे हैं।

खेल मनुष्य के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए बहुत ही जरुरी माने जाते हैं जो व्यक्ति कोई न कोई खेल खेलता है वह स्वस्थ अवश्य रहता है। भारत में कई खेल प्रतिभाओं ने जन्म लिया है जैसे फ़्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह, उड़न परी के नाम से मशहूर पी. टी. ऊषा, मास्टर ब्लास्टर के नाम से मशहूर सचिन तेंदुलकर और हॉकी के जादूगर के नाम से मशहूर मेजर ध्यानचंद।

भारत में खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिवर्ष खेल दिवस मनाया जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में खेल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है।

राष्ट्रीय खेल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है-

राष्ट्रीय खेल दिवस हर वर्ष 29 अगस्त को मनाया जाता है। 29 अगस्त 1905 को दुनिया भर में हॉकी के जादूगर के नाम से प्रसिद्ध भारत के महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद सिंह का जन्म इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज) में हुआ था।

भारत सरकार ने इस महान खिलाड़ी के सम्मान में वर्ष 2012 से प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को खेल दिवस मनाने का फैसला लिया था।

ध्यानचंद साधारण शिक्षा प्राप्त करने के बाद 16 वर्ष की अवस्था में 1922 ई. में एक सिपाही की हैसियत से सेना में भर्ती हुए थे।

खेल में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण ध्यानचंद सन् 1927 ई. में लांस नायक, सन् 1932 ई. में नायक नियुक्त हुए और सन् 1936 ई. सूबेदार बना दिया गया था। ध्यानचंद कुछ समय बाद लेफ्टिनेंट और कैप्टन बनाये गए और अंततः उन्हें मेजर बनाया गया।

सन् 1979 में मेजर ध्यानचंद की मृत्यु के बाद भारतीय डाक विभाग ने उनके सम्मान में स्टाम्प भी जारी किये थे।

मेजर ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर क्यों कहा जाता था-

मेजर ध्यानचंद हॉकी के इतने बेहतरीन खिलाड़ी थे कि यदि गेंद उनकी हॉकी स्टिक में चिपक जाए तो गोल करने के बाद ही हटती थी। यही कारण है कि उनको हॉकी का जादूगर कहा जाता था।

मेजर ध्यानचंद ओलम्पिक में तीन बार स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय टीम के सदस्य रहे हैं जिनमे, 1928 एम्सटर्डम ओलंपिक, 1932 लॉस एंजेल्स ओलंपिक एवं 1936 बर्लिन ओलंपिक शामिल हैं।

सन् 1936 में बर्लिन ओलंपिक में मेजर ध्यानचंद को भारतीय हॉकी टीम का कप्तान चुना गया था। उन्होंने 1926 से 1948 तक अपने करियर में 400 से ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय गोल किये थे। भारत ने 1928 से 1964 तक खेले गये 8 खेलों में से 7 में स्वर्ण पदक जीता था। मेजर ध्यानचंद को 1956 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था।

खेल के क्षेत्र में भारतीय खिलाड़ियों की अन्तर्राष्ट्रीय उपलब्धियाँ  

हॉकी

हॉकी स्वर्ण पदक, 1948 लंदन ओलंपिक

1948 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारतीय फील्ड हॉकी टीम ने ब्रिटिश टीम को हराकर देश का पहला स्वर्ण पदक जीता। भारत के स्वतंत्र होने के बाद यह देश का पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक था।

हॉकी विश्व कप, मलेशिया 1975

भारत ने 1975 में पहली बार हॉकी विश्व कप जीता। 1975 हॉकी विश्व कप, पुरुषों के फील्ड हॉकी टूर्नामेंट का तीसरा संस्करण, मलेशिया के कुआलालंपुर में आयोजित किया गया था। जबकि भारत ने फाइनल में पाकिस्तान को 2-1 के गोल अंतर से हराया।

क्रिकेट

भारत ने 1983 और 2011 में दो बार वनडे विश्व कप जीता।

एशियाई खेल

एशियाई खेल ओलंपिक के बाद दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बहु-खेल आयोजन है। यह प्रत्येक चार वर्ष बाद आयोजित होने वाली बहु-खेल प्रतियोगिता है। भारत ने 1951 में प्रथम एशियाई खेलों की मेजबानी की थी।

एशियाई खेलों का उद्घाटन संस्करण, 1951 में नई दिल्ली में आयोजित किया गया था। भारत की ओर से एशियाई खेलों में पहला स्वर्ण पदक सचिन नाग ने हासिल किया था।

1951 एशियाई खेल में भारत ने 15 स्वर्ण, 16 रजत, और 20 कांस्य पदकों के साथ कुल 51 पदक जीते और दूसरे स्थान पर रहा। जापान ने 60 पदक जीतकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। भारत ने 1982 में पुनः एशियाई खेलों की मेजबानी की। भारत ने 1982 के एशियाई खेलों में पांचवें स्थान पर रखा गया था।

अगला संस्करण 2022 में होगा जो चीन के हांगझोऊ नगर द्वारा आयोजित किया जायेगा।

फ़ुटबॉल

भारतीय टीम ने अब तक दो एशियाई खेलों में स्वर्ण तथा एएफसी एशियाई कप में एक बार रजत जीता है। 1970 में बैंकाक में एशियाई खेलों का कांस्य अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारतीय फुटबॉल की आखिरी बड़ी सफलता है।

बैडमिंटन

प्रकाश पादुकोण ने 1980 में इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीती थी।

शतरंज

विश्वनाथन आनंद ने 2000 विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीती। ऐसा करने वाले वे पहले भारतीय बने। तब से, आनंद ने पांच बार चैंपियनशिप जीती है।

ओलंपिक

पहली बार भारत ने 1900 के पेरिस ओलंपिक खेलों में हिस्सा लिया, जहां नॉर्मन प्रिचर्ड देश के एकमात्र प्रतिनिधि के तौर पर शामिल हुए। 2008 के बीजिंग ओलंपिक में, विजेंदर सिंह ने कांस्य जीता और भारत को मुक्केबाजी में पहला ओलंपिक पदक दिलाया। 2008 के ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा को स्वर्ण पदक प्राप्त हुआ। जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा ने टोक्यो 2020 ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। केडी जाधव ओलंपिक पदक जीतने वाले पहले भारतीय एथलीटों में से एक थे। 2004 के एथेंस ओलंपिक में राज्यवर्धन सिंह राठौर ने रजत पदक जीता था।

राष्ट्रमंडल खेल

राष्ट्रमंडल खेल चार वर्ष में एक बार आयोजित होने वाले खेल हैं। 1930, 1950, 1962 और 1986 के संस्करणों को छोड़कर भारत सभी संस्करणों में शामिल हुआ है। भारतीय एथलीटों ने 1934 में कॉमनवेल्थ गेम्स में डेब्यू किया, तब इसे ब्रिटिश एम्पायर गेम्स कहा जाता था। भारत ने अपने पहले राष्ट्रमंडल खेलों में एक पदक जीता था। राष्ट्रमंडल खेल 1934 में पुरुषों की 74 किग्रा फ्रीस्टाइल कुश्ती इवेंट में कांस्य पदक जीतने के बाद पहलवान राशिद अनवर राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। महान धावक मिल्खा सिंह राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। भारत ने उसी संस्करण में एक और स्वर्ण जीता जब हेवीवेट पहलवान लीला राम ने पुरुषों की 100 किग्रा फ्रीस्टाइल श्रेणी में जीत हासिल की।भारतीय महिलाओं ने भी पिछले कुछ संस्करणों में अपने प्रदर्शन में सुधार किया है। भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी अमी घिया और कंवल सिंह राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला थीं, जिन्होंने एडमोंटन 1978 के दौरान महिला युगल में कांस्य पदक जीता था। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में आयोजित कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा चार पदक जीतकर सबसे सफल भारतीय बनीं। भारत इस संस्करण में 66 पदक के साथ तीसरे स्थान पर रहा। भारत ने 2010 में दिल्ली में खेलों की मेजबानी की। यह भारत का अब तक का सबसे सफल राष्ट्रमंडल खेल था, जिसमें भारतीय एथलीटों ने 38 स्वर्ण, 27 रजत और 36 कांस्य पदक जीते थे। राष्ट्रमंडल खेल 2022 में भारत ने लगभग 215 एथलीट्स के दल को बर्मिंघम भेजा था। इस बार कुछ खेलों में भारत का प्रदर्शन कमाल का रहा, वहीं कुछ खेलों में निराशा हाथ लगी और कई खेलों में मामूली अंतर से स्वर्ण से चूक गए। भारत ने बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य समेत कुल 61 पदक अपने नाम किए और चौथे स्थान पर रहा। भारत ने अब तक राष्ट्रमंडल खेलों में कुल 203 स्वर्ण, 190 रजत और 171 कांस्य पदक जीते हैं।

निष्कर्ष

भारत सरकार खेल में युवा प्रतिभाओं के उत्थान के साथ भारत में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए हर वर्ष 29 अगस्त को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रीय खेल दिवस का बड़ी धूमधाम से आयोजन करती है। साथ ही भारत के राष्ट्रपति देश के उन खिलाड़ियों को राष्ट्रीय खेल पुरस्कार देते हैं जिन्होंने अपने खेल के उत्तम प्रदर्शन के द्वारा पूरे विश्व में तिरंगे झंडे का मान बढ़ाया होता है। राष्ट्रीय खेल पुरस्कार के अंतर्गत अर्जुन अवार्ड, राजीव गाँधी खेल रत्न अवार्ड और द्रोणाचार्य अवार्ड जैसे कई पुरस्कार देकर खिलाड़ियों को सम्मानित किया जाता है।

अंकित साकेत

अंकित कुमार साकेत मध्यप्रदेश के सतना जिले से हैं। वर्तमान में वे विधि अंतिम वर्ष के छात्र हैं। अंकित हिंदी अनुवादन में कई वर्षों का अनुभव रखते हैं। उन्होंने अपने ब्लॉग लेखन की शुरुआत दृष्टि आईएएस के साथ की है ।

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