जलियाँवाला हत्याकांड और ब्रिटिश नैतिकता : सवाल माफी का
13 Apr, 2022भारत और इंग्लैंड के वर्तमान संबंध भले ही मधुर हों पर दोनों के कटु संबंधों का एक विशाल अतीत भी रहा है। भारत लंबे समय तक ब्रिटिश सत्ता के अधीन रहा और इस दौर की पीड़ा भारतीय...
भारत और इंग्लैंड के वर्तमान संबंध भले ही मधुर हों पर दोनों के कटु संबंधों का एक विशाल अतीत भी रहा है। भारत लंबे समय तक ब्रिटिश सत्ता के अधीन रहा और इस दौर की पीड़ा भारतीय...
राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार) ने एक पुस्तिका प्रकाशित की है। इसका नाम है– ‘विदुषी’: द इंडियन वूमेन इन साइंस एंड टेक्नोलॉजी । इस...
ख़ून अपना हो या पराया हो नस्ल-ए-आदम का ख़ून है आख़िर जंग मशरिक़ में हो कि मग़रिब में अम्न-ए-आलम का ख़ून है आख़िर साहिर लुधियानवी की इस नज़्म को सार रूप में कहें तो वो कह रहे...
वह 27 फरवरी, 2014 की रात थी। हथियारबंद लोगों ने क्रीमिया में संसद और मंत्रिपरिषद की इमारतों को अपने नियंत्रण में ले लिया और उन पर रूसी झंडे लहरा दिये। अगली सुबह जल्दी ही...
जीवन की सतत गतिशीलता के बीच हम यह सोचना भूल जाते हैं कि हमारा प्रवाह किस दिशा में हो रहा है और इस प्रावहशीलता के क्या मायने हैं। क्या जीवन हमें जी रहा है या हम जीवन को जी रहे...
बीते दिनों अनिल कपूर की ‘नायक’ फिल्म देखी…एक दिन का सीएम। फिल्म में परेश रावल साहब का एक फेमस डायलॉग है….’पॉलिटिक्स एक गटर है’.. ये तो हुई ‘रील’ की बात..पर...
प्रेमचंद जी द्वारा लिखित कहानी पूस की रात का हल्कू तो आपको याद ही होगा। यह वह लापरवाह किसान है जो ठंड के आगे विवश होकर हार मान लेता है और अपनी फसल जानवरों के हवाले कर देता है।...
कल्पना मानव मस्तिष्क की सृजनशीलता की पहली कड़ी है। कोई भी विचार, सिद्धांत, आविष्कार चाहे वह आर्थिक, सामाजिक, धार्मिक, राजनैतिक, विज्ञान एवं तकनीकी, शिक्षा, मूल्य, दर्शन किसी...
कोरोना काल के पहले 2019 की विजयदशमी पर मैं रामेश्वरम गया था। धनुषकोडि से लौटते हुए मैं एक ऊँचे स्थल पर बने विभीषण मंदिर में भी गया। देश का शायद यह अकेला विभीषण मंदिर होगा।...
भाषाओं का भी अपना एक समाज होता है, संस्कृति होती है। भाषाएँ केवल सामाजिक सम्प्रेषण का माध्यम भर नहीं होतीं यह सामाजिक निर्मिति का भी महत्त्वपूर्ण आधार है। समाज भाषा की...