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नगा संकट के बारे में संक्षेप में बताते हुए इस मुद्दे को सुलझाने हेतु की गई पहलों के बारे में भी चर्चा कीजिये। (150 शब्द)

16 Dec 2020 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | आंतरिक सुरक्षा

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

दृष्टिकोण

  • नगा मुद्दे की उत्पत्ति और नगा समूहों की प्रमुख मांगों के बारे में संक्षेप में बताएंँ।
  • नगा मुद्दे को हल करने के लिये की गई कई पहलों का उल्लेख कीजिये।
  • लोगों की आकांक्षाओं और सांस्कृतिक विविधता का सम्मान करने की आवश्यकता का उल्लेख करते हुए निष्कर्ष दीजिये।

परिचय

  • नगा क्षेत्र में उग्रवाद और सशस्त्र जातीय संघर्ष देखा गया, जिसका उद्देश्य भारत में नगा क्षेत्रों की स्वायत्तता और धर्मनिरपेक्षता था। नगा द्वारा राष्ट्रवाद की शुरुआत ब्रिटिश शासन के दौरान देखने को मिली जो दशकों से इस क्षेत्र में हिंसा और सामाजिक-राजनीतिक अशांति को जन्म दे रहा है।

प्रारूप

नगा संकट

  • नगा समूहों की प्रमुख मांग ग्रेटर नगालिम (संप्रभु राज्य का दर्जा) रही है अर्थात् इसके अंतर्गत एक प्रशासनिक व्यवस्था के तहत पूर्वोत्तर में बसे सभी नगा इलाकों के लिये सीमाओं का पुनर्विकास करना है।
    • इसमें अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, असम और म्यांँमार के विभिन्न हिस्से शामिल हैं।
  • नगा समूहों की मांग में अलग नगा येजाबो (संविधान) और नगा राष्ट्रीय ध्वज भी शामिल है।
  • 1950 के दशक में नगा नेशनल काउंसिल (NNC) द्वारा हथियार उठाए जाने के साथ ही नगा की संप्रभुता की सुरक्षा के लिये हिंसा का सहारा लिया गया।

मुद्दों को हल करने के लिये की गई पहल

  • शिलॉन्ग समझौता: वर्ष 1975 में शिलॉन्ग में एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर किये गए जिसमें एनएनसी के नेतृत्व में हथियार छोड़ने पर सहमति व्यक्त की गई।
    • हालाँकि कई नेताओं ने इस समझौते को स्वीकार करने से इनकार कर दिया जिसके कारण एनएनसी का विभाजन हो गया।
  • युद्धविराम समझौता: वर्ष 1997 में एनएससीएन-आईएम ने भारतीय सशस्त्र बलों पर हमलों को रोकने के लिये सरकार के साथ युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किये जिसका मकसद था कि बदले में सरकार सभी आतंकवाद-रोधी आक्रामक अभियानों को रोक देगी।
  • फ्रेमवर्क एग्रीमेंट: इसके तहत वर्ष 2015 में भारत सरकार ने नगाओं के अद्वितीय इतिहास, संस्कृति और स्थिति तथा उनकी भावनाओं और आकांक्षाओं को मान्यता प्रदान की।
    • एनएससीएन द्वारा भारतीय राजनीतिक प्रणाली और शासन की भी सराहना की गई। हालाँकि सरकार द्वारा समझौते का विवरण अभी जारी नहीं किया गया है।
  • हाल ही में राज्य सरकार द्वारा नागालैंड के स्वदेशी अभिजात वर्ग का रजिस्टर तैयार करने का निर्णय लिया गया परंतु बाद में कई भिन्नताओं के दबाव के कारण निर्णय को रोक दिया गया।

निष्कर्ष

  • नगा सांस्कृतिक रूप से विभिन्न समुदायों/जनजातियों के विषम समूह हैं जिनकी समस्याएँ मुख्यधारा की आबादी से भिन्न हैं।स्थायी समाधान प्राप्त करने के लिये उनकी सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और क्षेत्रीय सीमा को ध्यान में रखा जाना चाहिये।
  • इसलिये किसी भी व्यवस्था को इस दिशा में कदम बढ़ाने से पहले राज्यों के सभी जनजातियों और नागरिकों के सामाजिक और राजनीतिक सद्भाव, आर्थिक समृद्धि एवं जीवन तथा संपत्ति की सुरक्षा के संदर्भ में कार्य करना चाहिये।