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"केंद्रीय सशस्त्र बल देश के दूरस्थ क्षेत्रों में भी सरकारी प्रशासन के अस्तित्व की झलक प्रस्तुत करते हैं।" उन मुद्दों पर चर्चा कीजिये जो उनके कामकाज़ में बाधा उत्पन्न करते हैं। (250 शब्द)

16 Dec 2020 | सामान्य अध्ययन पेपर 3 | आंतरिक सुरक्षा

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

दृष्टिकोण

  • केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) की भूमिका पर संक्षिप्त व्याख्या कीजिये।
  • उन मुद्दों पर चर्चा कीजिये जिन्हें इन बलों के कुशल कामकाज के लिये संबोधित करने की आवश्यकता है।
  • इन मुद्दों के समाधान के उपाय सुझाएंँ।
  • उपयुक्त निष्कर्ष दीजिये।

परिचय

केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) राष्ट्र की सीमाओं को बाह्य आक्रमणों और घुसपैठ से बचाने में बहुआयामी भूमिका निभाता है जो उग्रवाद, नक्सलवाद तथा आतंकवाद का मुकाबला आंतरिक सुरक्षा स्थापित करने में सहायक है।

इसके अलावा ये बल विभिन्न क्षेत्र विकास कार्यक्रमों, सामुदायिक पुलिस कार्यक्रमों तथा आपदा प्रबंधन में नागरिकों की सहायता करते हैं।जो कोविड -19 महामारी के समय इन बलों द्वारा निभाई गई भूमिका में परिलक्षित होता है। हालाँकि ऐसे कई मुद्दे हैं जिन पर सुरक्षा बलों को कुशलता पूर्वक कार्य करने हेतु ध्यान देने की आवश्यकता है।

प्रारूप

संबंधित मुद्दे

  • कार्य करने की स्थिति: वर्ष 2017 में गृह मामलों की स्थायी समिति ने सीमा सुरक्षा बल के कर्मियों की कार्य स्थितियों पर चिंता व्यक्त की।
    • समिति ने कहा कि उन्हें दिन में 16-18 घंटे कार्य करना पड़ता है जो आराम या नींद के लिये बहुत कम समय होता है।
    • समिति के अनुसार, सीमा पर उपलब्ध कराई जाने वाली चिकित्सा सुविधाओं से भी कार्मिक संतुष्ट नहीं है।
    • इसके अलावा स्थायी समिति ने देखा कि वेतन और भत्ते के मामले में भी सीएपीएफ के कर्मियों को सशस्त्र बलों के समान वेतन और भत्ते प्राप्त नहीं होते हैं।
  • कार्य संबंधी रूकावटें: सभी CAPFs के लिये अपनी प्रशिक्षण आवश्यकताओं और विशेष विषयों पर व्यावसायिक कौशल को प्राप्त करने हेतु प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना की गई है।
    • हालाँकि इन प्रशिक्षण संस्थानों में पाठ्यक्रम और बुनियादी ढांँचे को उन्नत किये जाने की तत्काल आवश्यकता है।
  • आधुनिकीकरण में बाधा: MHA, CAPFs को आधुनिक हथियार, गोला-बारूद और वाहन उपलब्ध कराने के लिये प्रयासरत है। इस संबंध में सुरक्षा को लेकर वर्ष 2012-17 की अवधि के लिये आधुनिकीकरण योजना- II को कैबिनेट समिति द्वारा अनुमोदित किया गया था।
    • योजना का उद्देश्य हथियारों, कपड़ों और उपकरणों के क्षेत्रों में आधुनिकीकरण हेतु सीएपीएफ को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराना है।
    • हालाँकि अनुमान समिति ने पाया कि योजना के तहत खरीद प्रक्रिया बोझिल और समय लेने वाली थी।
  • राज्यों की ज़िम्मेदारियाँ: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) पर राज्यों की भारी निर्भरता है, यहांँ तक ​​कि रोज़मर्रा की कानून और व्यवस्था के मुद्दों के लिये भी राज्य सरकारें सीएपीएफ पर निर्भर हैं।
    • यह इन बलों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को बाधित करने के अलावा उग्रवाद-रोधी और सीमा प्रहरी कार्यप्रणाली को भी प्रभावित करता है।
  • कैडर प्रबंधन का मुद्दा: सीएपीएफ की सभी सातों श्रणियों में प्रत्येक के पास अधिकारियों का अपना कैडर सिस्टम है लेकिन वे सभी भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों के नेतृत्व में संचालित होते हैं।
    • यह सीएपीएफ के अधिकारियों को हतोत्साहित करता है तथा इन बलों की प्रभावशीलता को प्रभावित करता है।
    • इसके अलावा पदोन्नति में रुकावट और कैडर समीक्षा की कमी के कारण सीएपीएफ के जवानों में निराशा व्याप्त होती है।

आगे की राह

  • सीएपीएफ का आधुनिकीकरण: एमएचए को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि खरीद में आने वाली अड़चनों की पहचान कर सुधारात्मक कार्रवाई की जानी चाहिये।
    • इसके अलावा सरकार को सार्वजनिक या निजी क्षेत्र के आयुध कारखानों और निर्माताओं के साथ बातचीत में शामिल होना चाहिये ताकि उपकरण और अन्य बुनियादी ढांँचे की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
    • नवीनतम उपकरणों की खरीद करते समय प्रशिक्षण आवश्यकताओं का भी ध्यान रखा जाना चाहिये और यदि आवश्यक हो तो उन्हें खरीद समझौते में ही शामिल किया जाना चाहिये।
    • इसके अलावा, हाइब्रिड हत्यारों के विकास को देखते हुए प्रशिक्षण सामग्री में पारंपरिकता के साथ-साथ नवीनतम तकनीकों जैसे कि आईसीटी और साइबर सुरक्षा का मिश्रण किया जाना चाहिये।
  • राज्यों की क्षमता में वृद्धि: राज्यों को अपने स्वयं के सिस्टम विकसित करने चाहिये तथा पर्याप्त प्रशिक्षण और उपकरण प्रदान कर अपने पुलिस बलों की शक्ति को बढ़ाना चाहिये।
    • राज्यों सरकारों को अपने बालों के क्षमता निर्माण के लिये आवश्यक वित्तीय सहायता और अन्य मदद प्रदान कर केंद्र सरकार के प्रयासों का पूरक होना चाहिये।
  • कैडर नीति में सुधार के उपाय: कैडर नीति में असंतोष का हवाला देते हुए जोशी समिति द्वारा सिफारिश की गई है कि शीर्ष पदों को सीएपीएफ से संबंधित कैडर से भरा जाना चाहिये।
    • इसके अलावा समिति ने सिफारिश की है कि सभी CAPFs की कैडर समीक्षा एक निर्धारित समय सीमा के अंदर की जानी चाहिये।
    • इन सिफारिशों को जल्द-से-जल्द लागू करने के लिये यह उचित समय है।
  • कार्मिक सुधार: तनाव प्रबंधन पर नियमित रूप से कार्यशालाएंँ आयोजित की जानी चाहिये तथा योग और ध्यान को CAPFs कर्मियों के दैनिक अभ्यास का हिस्सा बनाया जाना चाहिये।
    • इसके अलावा, संबंधित बल की तैनाती के नज़दीक ही उनके लिये आवास प्रावधान साथ ही कर्मियों को अपने परिवार के सदस्यों से मिलने की भी सुविधा होनी चाहिये।

निष्कर्ष

सीएपीएफ कर्मी देश के दूरस्थ क्षेत्रों में भी सरकारी प्रशासन के अस्तित्व की झलक प्रस्तुत करते हैं। उनके बहुमुखी अनुभव का उपयोग राष्ट्र हित में किया जा सकता है। हालांँकि उन अंतर्निहित मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता है जो सीएपीएफ के कुशल कामकाज़ को प्रभावित करते हैं।