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महिला सशक्तीकरण गरीबी उन्मूलन के सर्वोत्तम तरीकों में से एक है। क्या आप सहमत हैं? चर्चा कीजिये। (250 शब्द)

02 Nov 2020 | सामान्य अध्ययन पेपर 2 | सामाजिक न्याय

दृष्टिकोण / व्याख्या / उत्तर

दृष्टिकोण के साथ विस्तृत उत्तर:

दृष्टिकोण:

  • कुल आबादी में महिलाओं की हिस्सेदारी बताते हुए उत्तर प्रस्तुत कीजिये।
  • गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तीकरण के बीच की कड़ी पर प्रकाश डालिये।
  • मूल्य वृद्धि के लिये किसी भी वैश्विक रिपोर्ट या डेटा का उल्लेख कीजिये।
  • आशावादी निष्कर्ष दीजिये।

परिचय

  • “जब तक महिलाओं की स्थिति में सुधार नहीं होगा, दुनिया के कल्याण के बारे में सोचना असंभव है। एक पक्षी के लिये केवल एक पंख पर उड़ना असंभव है। ” - स्वामी विवेकानंद।
  • हालाँकि गरीबी उन्मूलन और महिलाओं की स्थिति में सुधार भारत में सरकार और नीति निर्माताओं के लिये एक बड़ी चुनौती बनी रही है। भारत में लगभग 26 प्रतिशत आबादी अभी भी तीव्र गरीबी की स्थिति में जीवन बसर कर रही है। भले ही विभिन्न राज्यों में इस गरीबी संख्या अलग-अलग हो, लेकिन भारत में गरीबी को एक बड़ी समस्या माना जाता है, मूलतः ग्रामीण इलाकों में।

संरचना:

महिला सशक्तीकरण और गरीबी उन्मूलन

  • महिलाएँ देश की आबादी का लगभग आधा हिस्सा हैं, इसलिये देश में उनकी स्थिति में सुधार गरीबी उन्मूलन में बहुत योगदान दे सकता है।
  • सतत् विकास के लिये आवश्यक परिवर्तनकारी आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक परिवर्तनों की प्राप्ति में महिला सशक्तीकरण एक उत्प्रेरक की भूमिका निभाता है।
  • महिलाओं का सशक्तीकरण और गरीबी उन्मूलन देश के विकास के लिये बहुत महत्त्वपूर्ण है क्योंकि इससे विकास के लिये उपलब्ध मानव संसाधनों की गुणवत्ता और मात्रा दोनों में वृद्धि होगी। इन प्रयासों में असफलता पुरुषों और महिलाओं दोनों को विकास से वंचित करेगी।
  • कई रिपोर्टों और अध्ययनों से पता चलता है कि महिलाएँ आम तौर पर अपनी आय बच्चों के लिये भोजन और स्वास्थ्य सेवा पर खर्च करती हैं, जो कि पुरुषों के एकदम विपरीत है, पुरुष प्रायः अपनी आय का अधिकतम भाग व्यक्तिगत ज़रूरतों के लिये खर्च करते हैं।
  • विकास को गति देने के साधन के रूप में लैंगिक समानता और महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा देना आवश्यक है। यह महिलाओं और बालिकाओं को उनके पूर्ण मानव अधिकारों का आनंद लेने की अनुमति देता है और यह अधिक स्थिर अर्थव्यवस्थाओं और सशक्त समाज का मार्ग प्रशस्त करता है।
  • परिवार नियोजन और मातृ स्वास्थ्य सेवाओं में वृद्धि, साथ ही लड़कियों के लिये शिक्षा तक पहुँच सुनिश्चित करना आमतौर पर महिलाओं के लिये बेहतर आर्थिक अवसर उपलब्ध कराते हैं ।
  • अवसरों तक समान पहुँच रखने वाली स्वस्थ, शिक्षित लड़कियाँ सशक्त, स्मार्ट महिलाओं में विकसित हो सकती हैं, जो अपने देशों में नेतृत्वकर्त्ता की भूमिका निभा सकती हैं। यह सरकार की नीतियों में महिलाओं के दृष्टिकोण के बारे में बेहतर दृष्टिकोण रखने में मदद करेगा जो गरीबी उन्मूलन में मदद करेगा।

महिला सशक्तीकरण के लिये उठाए जाने वाले कदम

सामाजिक:

  • स्वास्थ्य:
    • महिलाओं के स्वास्थ्य संकेतकों में सुधार संपूर्ण परिवार और नए जन्मे बच्चों के समग्र स्वास्थ्य में महत्त्वपूर्ण योगदान दे सकता है। चूँकि वंचित वर्गों की कमाई की महत्त्वपूर्ण राशि चिकित्सा उपचार पर खर्च हो जाती है, अतः यदि महिलाओं के स्वास्थ्य में सुधार हेतु प्रयास किये जाते हैं तो उनके नवजात शिशु पर होने वाले चिकित्सीय खर्च को काफी कम किया जा सकता है।
    • शिक्षा गरीबी दूर करने का प्रमुख साधन है। शिक्षित महिलाएँ अपने बच्चों की शिक्षा के प्रति अधिक संवेदनशील होती हैं और उनके विकास में अधिक योगदान देती हैं।

आर्थिक:

  • कृषि:
    • FAO का अनुमान है कि यदि महिला किसानों के पास पुरुषों के समान उपकरण और ऋण की पहुँच होती है, तो 34 विकासशील देशों में कृषि उत्पादन में औसतन 4% तक की वृद्धि होगी, जो 150 मिलियन भूखे लोगों को अनाज उपलब्ध कराएगा।

समान मज़दूरी: पुरुषों और महिलाओं के बीच मज़दूरी में असमानता का गरीबी पर गंभीर प्रभाव पड़ता है। महिलाओं के लिये समान मज़दूरी से घरेलू आय और पूरे परिवार के स्वास्थ्य एवं पोषण पर उत्पादक खर्च बढ़ेगा।

कौशल विकास: लघु वनोपज आधारित और घरेलू उद्योगों को एकीकृत करने में महिलाएँ महत्त्वपूर्ण रूप से शामिल हैं। उनके कौशल को बढ़ाने से सीधे उनके पतियों पर उनकी आर्थिक निर्भरता कम हो सकती है, जिससे उत्पादक निर्णय और पारिवारिक मामलों में निर्णय लेने की महिलाओं की शक्ति बढ़ जाएगी।

राजनीतिक:

  • एक ऐसा समाज जहाँ महिलाओं की आवाज़ सुनी जाती है और उनका प्रतिनिधित्त्व होता है जहाँ निष्पक्षता और समानता (अवसर) के सिद्धांत मौजूद हैं, एक अधिक शक्तिशाली और प्रभावी समाज है।
  • ज़मीनी स्तर पर निर्णय लेने में महिलाओं का उचित प्रतिनिधित्व बढ़ने से सरकारी गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से लक्षित करने में मदद मिल सकती है।

निष्कर्ष

  • गरीबी और सशक्तीकरण के मुद्दों को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं किया जा सकता है, यदि किसी देश की केवल आधी आबादी सकारात्मक और सक्रिय रूप से उत्पादन गतिविधियों में लगी हुई है, इसलिये महिलाओं को सकारात्मक बदलाव लाने और देश से गरीबी दूर करने के लिये संचालक के रूप में सक्रिय रूप से संलग्न करना महत्त्वपूर्ण है।
  • हालाँकि सरकार ने अपने हालिया सामाजिक क्षेत्र के कार्यक्रम में स्वच्छ भारत के माध्यम से ग्रामीण स्वच्छता जैसे महिला केंद्रित प्रयासों को प्रभावी ढंग से शामिल किया है, पोषण अभियान और उज्ज्वला योजना आदि के माध्यम से स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के प्रयास किये गए हैं लेकिन अभी भी बहुत कुछ करने की आवश्यकता है।